पीएमपी को दिए जाएंगे 110 करोड़

  • स्थायी समिति के समक्ष प्रस्ताव
  • 20 अप्रैल से 20 अगस्त तक 183.58 करोड़ रुपये का घाटा
  • निगम के कुल 4085 कर्मियों को कोविड़ के काम के लिए दोनों मनपा को दिया गया

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पुणे. कोरोना महामारी ने शहर के सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है. शहर की जीवनदायिनी मानी जानेवाली पीएमपी भी इससे छूटी नहीं है. पीएमपी का संचालन कई दिनों से बंद था. साथ ही पीएमपी के कर्मी भी कोविड का काम कर रहे थे. नतीजा पीएमपी की हालत खस्ता हो गई है. इस वजह से पुणे और पिंपरी ऐसे दोनों मनपा द्वारा दिया जानेवाला हिस्सा यानी लगभग 183 करोड़ पीएमपी को मिले. ऐसी मांग पीएमपी के सीएमडी राजेंद्र जगताप ने पुणे मनपा कमिश्नर और पिंपरी मनपा कमिश्नर से की थी. इसमें पुणे मनपा का हिस्सा 110 करोड़ का है. यह राशि देने से सम्बंधित प्रस्ताव मनपा प्रशासन द्वारा स्थायी समिति के समक्ष रखा गया है. इस पर समिति की आगामी बैठक में फैसला होगा.

पीएमपी के आय में कमी

गौरतलब है कि कोरोना महामारी से पहले फरवरी के महीने के लिए PMPML को दैनिक परिवहन आय  1.52 करोड़ रु मिलती थी. वर्तमान में बस शुरू करने के बाद परिवहन आय औसतन 4 लाख आ रहा है. दूसरे शब्दों में चालू वित्त वर्ष में 01 अप्रैल से 31 अगस्त 2020 तक महामंडल को प्रतिदिन 1.48 करोड़ प्रति दिन के मुकाबले  226.44 करोड़ की आय का घाटा हो चुका है.  इसके अलावा विज्ञापन ठेकेदार ने कोरोना की पृष्ठभूमि पर महामण्डल को किराए का भुगतान नहीं किया है. महामण्डल ने पुणे मनपा  को प्रति माह 1487 बसें और कोरोना सेवा के लिए पिंपरी-चिंचवड़ मनपा को 335 बसें प्रदान की हैं.   निगम के कुल 4085 कर्मियों को कोविड़ के काम के लिए दोनों मनपा को दिया गया है. धन की कमी के कारण महामण्डल ने 20 अप्रैल से 20 अगस्त तक 183.58 करोड़ रुपये का घाटा उठाया है.

आगामी बैठक में होगा फैसला

यह सुनिश्चित करने के लिए निधि की आवश्यकता है क्योंकि पीएमपी का संचालन बाधित न हो और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान समय पर किया जाए. कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर एक विशेष मामले के रूप में महामण्डल की स्व-आय नगण्य है. संचलन घाटे का दोनों मनपा का हिस्सा 60:40 होता है. यदि उसी वर्ष अग्रिम में पुणे मनपा द्वारा महामण्डल को 110.15 करोड़ और पिम्परी मनपा द्वारा 73 करोड़ उपलब्ध कराए जाते हैं, तो अग्रिम राशि को अगले वर्ष में प्राप्त संचालन घाटे से समायोजित किया जाएगा. हालांकि, 183.58 करोड़ राशि दोनों मनपा से अग्रिम प्राप्त करने का अनुरोध पीएमपी प्रशासन द्वारा किया गया था. इसके अनुसार यह राशि देने से सम्बंधित प्रस्ताव मनपा प्रशासन द्वारा स्थायी समिति के समक्ष रखा गया है. इस पर समिति की आगामी बैठक में फैसला होगा.