Those found wearing masks on the platform will be fined: West Central Rail
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– उड़ीसा तथा झारखंड के यात्रियों को लेकर रवाना

पुणे. पुणे रेल मंडल द्वारा पुणे एवं आसपास के क्षेत्रों में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए अन्य राज्य के श्रमिकों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य  प्रवासी लोगों को देश के कोने-कोने में उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक विशेष गाड़ियां राज्य सरकारों के अनुरोध पर चलाई जा रही हैं. इसके लिए पुणे रेल मंडल की मंडल रेल प्रबंधक रेणु शर्मा के मार्गदर्शन एवं उनके द्वारा राज्य प्रशासन के अधिकारियों के साथ किए जा रहे उचित समन्वय से मंगलवार को 140वीं श्रमिक स्पेशल ट्रेन पुणे रेलवे स्टेशन से उड़ीसा तथा झारखंड राज्य के यात्रियों को लेकर रवाना हुई. 

रेल अधिकारियों तथा कर्मचारियों की समर्पित टीमें इसमें विशेष भूमिका निभा रही है. उनके द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों से स्टेशनों पर सभी जरूरी इंतजाम करने में बड़ी मदद मिल रही है, जिसके चलते स्टेशनों पर गाड़ियों का संचालन सुचारू रूप से चल रहा है.

79 श्रमिक स्पेशल गाड़ियां पुणे स्टेशन से छोड़ी गई

इन 140 ट्रेनों में से पुणे स्टेशन से 79 श्रमिक स्पेशल गाड़ियां छोड़ी गई है इसके अलावा कोल्हापुर से 23, मिरज से 12, सातारा से 14, उरुली स्टेशन से 12 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई है. इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, तमिलनाडु, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, जम्मू के साथ ही मणिपुर, असम जैसे सुदूरवर्ती राज्यों के लिए भी ये ट्रेनें भेजी गई है.

अब तक 1.80 हजार से अधिक यात्री पहुंचे घर

पुणे रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज झंवर ने बताया कि 7 मई से शुरू की गई इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की श्रृंखला में 23 जून तक की अवधि में 140 ट्रेनों के ज़रिए अब तक 1 लाख 80 हजार से ज्यादा लोगों को  अपने घरों तक पहुंचाने  में पुणे रेल मंडल ने बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसमें पुणे स्टेशन से 79 ट्रेनों के माध्यम से एक लाख से ज्यादा लोगों ने यात्रा की है.

समर्पित भाव से काम कर रहे सभी रेल कर्मचारी

मनोज झंवर ने बताया कि कोविड-19 की कठिन चुनौतियों तथा मुश्किलों के बीच श्रमिक विशेष गाड़ियां चलाने में पुणे रेल डिवीजन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की समर्पित टीमें इसमें अपना विशेष योगदान देती आ रही है. इसमें स्टेशन मास्टर, पॉइंट्स मैन, कंट्रोलर, कमर्शियल कंट्रोलर, लोको पायलट तथा गार्ड, वाणिज्य निरीक्षक, टिकट चेकिंग स्टाफ, बुकिंग तथा रिजर्वेशन स्टाफ, रेल सुरक्षा बल के जवान, गाड़ी की पर्याप्त मेंटेनेंस, साफ सफाई, पानी की व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, सिविल इंजीनियरिंग आदि विभाग के कर्मचारियों की बहुत ही जिम्मेदारी भरी भूमिका विशेष रूप से सराहनीय रही है.

राज्य सरकार के अनुरोध पर ही चलाई जा रही श्रमिक ट्रेनें

श्रमिक स्पेशल ट्रेनें राज्य सरकारों के अनुरोध  तथा उनकी मांग पर ही चलाई जा रही है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन रवाना होने से पहले जिला प्रशासन द्वारा सभी तरह की जांच प्रक्रिया तथा प्रवासियों की आवश्यक मेडिकल जांच आदि औपचारिकताओं के बाद उनके द्वारा रजिस्टर्ड लोगों को ही इन गाड़ियों में भेजा जा रहा है. इसलिए लोगों को सलाह दी जाती है, कि इसके लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क करें तथा कोई भी यात्री सीधे स्टेशन न पहुंचे. भविष्य में भी राज्य सरकारों के अनुरोध पर और भी श्रमिक स्पेशल गाड़ियां चलाई जा सकती हैं. इसके लिए पुणे मंडल रेल प्रशासन पूरी तरह तैयार है.

ट्रेनों को किया जाता है सैनिटाइज

 ट्रेनों को रवाना करने के पहले गाड़ी पूरी तरह सैनिटाइज करके साफ-सुथरी हालत में पानी, बिजली, पंखे जैसी आवश्यक सुविधाओं को पूरा करते हुए रवाना किया जा रहा है. इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं. श्रमिक स्पेशल के सभी यात्रियों को स्टेशन से रवाना होने से पहले भोजन के पैकेट तथा पानी की बोतलें दी जा रही है. यात्रियों को यात्रा करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, सफाई का समुचित ध्यान रखना, डिब्बों में गंदगी न करना, इधर -उधर नहीं थूकना, चेहरे पर मास्क लगाने जैसे नियमों का पालन करने के लिए बताया जा रहा है.