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    पिंपरी. औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Sector) में तब खलबली मच गई जब ऑटोमोबाइल (Automobile) क्षेत्र की प्रमुख  कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) को अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन (Additional Construction) के लिए 259 करोड़ रुपए के प्रॉपर्टी टैक्स की नोटिस जारी की गई। ये नोटिस पिंपरी चिंचवड़ (Pimpri Chinchwad ) महानगरपालिका के कर निर्धारण विभाग ने जारी की है। महानगरपालिका (Municipal Corporation) द्वारा ली गई सैटेलाइट इमेज से टाटा मोटर्स के भोसरी प्लांट में अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन किये जाने की जानकारी सामने आई है। इस नोटिस में कंपनी से 21 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है।
     
    महानगरपालिका सीमा में नई संपत्तियों को खोजने के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है जिसका जिम्मा औरियनप्रो सॉल्यूशंस लिमिटेड नामक कंपनी को सौंपा गया है। इसमें नए, अतिरिक्त और इस्तेमाल में बदलाव की गई संपत्तियों का सर्वे किया जा रहा है। मोबाइल ऐप में संपत्ति के दस्तावेज, फोटोग्राफ और अन्य जरूरी जानकारियां संकलित की गई हैं। जब सर्वेक्षण चल रहा था, यह पता चला कि टाटा मोटर्स ने कारखाने के परिसर में नया निर्माण किया है। इसकी सैटेलाइट इमेज निकाली गई है। हालांकि, टाटा मोटर्स प्रबंधन ने महानगरपालिका को कोई दस्तावेज जमा नहीं किया है। उसके बाद महानगरपालिका की टीम ने मौके का मुआयना किया और इस संबंध में जानकारी जुटाई। भवन अनुज्ञा विभाग के पास प्लान की जांच की गई तो उसमें अंतर नजर आया। पहली नजर में पता चला कि टाटा मोटर्स की कुछ संपत्तियां महानगरपालिका में पंजीकृत नहीं हैं।

    इसके चलते महानगरपालिका द्वारा टाटा मोटर्स को 259 करोड़ रुपए के प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करने की नोटिस जारी की गई है। 2016 और 2019 वर्षों के लिए दो चरणों में ये नोटिस जारी की गई है जिसमें एक 194 करोड़ और दूसरी 65 करोड़ रुपए के टैक्स डिमांड की नोटिस शामिल है। 10 दिन पहले ये नोटिस जारी की गई है जिसमें कंपनी से 21 दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। हालांकि, महानगरपालिका अधिकारियों की राय है कि कंपनी प्रबंधन कर लगाने के संबंध में महानगरपालिका को सहयोग नहीं दे रहा है। कुछ मामलों में, महानगरपालिका के अधिकारियों को कंपनी के परिसर में प्रवेश करने की भी अनुमति नहीं दी गई है। पिंपरी-चिंचवड़ क्षेत्र में निजी कंपनियों ने महानगरपालिका के टैक्स निर्धारण के संबंध में अदालत में विभिन्न दावे दायर किए हैं। इससे कंपनियों से टैक्स संग्रह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बहरहाल इस बारे में टाटा मोटर्स की ओर से जारी किये गए बयान में उन्हें महानगरपालिका  से कोई नोटिस नहीं मिलने का दावा किया गया है। कंपनी द्वारा महानगरपालिका के टैक्स का भुगतान समय पर किया जा रहा है। कंपनी में नए डेवलपमेंट शुरू है जिसके पूरा होने के बाद महानगरपालिका  से नई इमारतों का मूल्यांकन कराया जाएगा।