FILE- PHOTO
FILE- PHOTO

  • पुणे, पिंपरी-चिंचवड़ और ग्रामीण पुलिस की कार्रवाई

Loading

पुणे. भाईचंद हीराचंद रायसोनी (बीएचआर ) पतसंस्था में गबन के मामले में पुणे, पिंपरी-चिंचवड़ और ग्रामीण पुलिस की टीम द्वारा की गई कार्रवाई में 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. 

प्रशासक के रूप में नियुक्त जीतेन्द्र कंडारे को सोमवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. पुलिस ने उन्हें 4 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है.

6 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी 

कमलाकर भिकारी कोली (28) के साथ इससे पहले सुजीत सुभाष बाविस्कर उर्फ़ वाणी (42), धरम किशोर सांखला (40 ), महावीर मानकचंद जैन (37) और विवेक देवीदास ठाकरे (45) को गिरफ्तार किया गया था. इन सभी को 6 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है. इस मामले में पुणे के डेक्कन पुलिस स्टेशन में केस मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में रिटायर्ड शिक्षक ने शिकायत दर्ज कराई है.

जानबूझकर ऑडिट नहीं करवाया

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, 2015 में बीएचआर पतसंस्था में प्रशासक नियुक्त किया गया था.2016 में सहायक के रूप में जीतेन्द्र कंडारे को नियुक्त किया गया था. गबन का खुलासा न हो इसलिए उसने जानबूझकर ऑडिट नहीं करवाया. प्रशासक और अन्य लोगों ने जानबूझकर मिलीभगत से पतसंस्था की प्रॉपर्टी का फ़र्ज़ी वेबसाइट तैयार कर गुप्त साजिश में शामिल सुनील झंवर को साथ लेकर उसके फर्म पर ट्रांसफर किया. पूरा मुआवजा न देते हुए जमाकर्ताओं का रसीद  30 फीसदी में खरीदकर 70 फीसदी रकम और संस्था की प्रॉपर्टी का गबन किया. इस प्रॉपर्टी को बेहद कम कीमत पर गैरकानूनी रूप से ट्रांसफर किया गया दिखाया गया, जबकि जमाकर्ताओं को पूरी रकम देने का झूठा रिकॉर्ड सुजीत वाणी ने अन्य के कहे अनुसार तैयार किया. सहायक ने शिकातकर्ता और उनकी बहन द्वारा जमा किए गए रकम अदा न कर उनके साथ धोखाधड़ी की.