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पुणे. महामारी के संक्रमण से पूरे देश में सबसे ज्यादा प्रभावित रहे पुणे जिले में कोरोना की चपेट में आकर मरनेवालों की संख्या साढ़े सात हजार पार कर गई है. हालांकि जिले के रिकवरी रेट में लगातार सुधार हो रहा है. जिले में बीते 24 घण्टे के भीतर 549 नए मरीज मिले हैं, जबकि 1235 इलाज के बाद स्वस्थ होकर अस्पताल से घर लौट गए हैं. बुधवार को जिले में संक्रमितों की संख्या तीन लाख 20 हजार 661 हो गई है. हालांकि इसमें से दो लाख 99 हजार 912 मरीज महामारी को मात देकर अस्पताल से घर लौटने में सफल रहे हैं.

इसके बाद जिले में महामारी का रिकवरी रेट बढ़कर 93.53 फीसद हो गया है.फिलहाल पुणे जिले के अस्पतालों में 13 हजार 74 मरीजों इलाज जारी है.अब तक 7675 मरीज महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चूके हैं.जिले में कोरोना से मृत्यु का प्रमाण 2.39 फीसदी है.

1952 मरीजों का इलाज जारी 

डिविजनल कमिश्नर सौरभ राव द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पुणे संभाग (पुणे, सातारा, सांगली, सोलापुर, कोल्हापुर जिलों) में साढ़े चार लाख से भी ज्यादा संक्रमितों ने कोरोना को हराने में सफलता पायी है. पूरे संभाग में अब तक 23 लाख 26 हजार 733 लोगों की टेस्ट की गई जिसमें से कुल 4 लाख 98 हजार 245 संक्रमित संक्रमित पाए गए हैं.उनमें से 4 लाख 61 हजार 186 मरीजों ने महामारी को मात दी है. फिलहाल संभाग में 23 हजार 190 मरीजों का इलाज जारी है.जबकि अब तक 13 हजार 869 मरीजों की मौत हुई है.आज पुणे संभाग का रिकवरी रेट 92.56 और डेथ रेट 2.78 फीसदी दर्ज हुआ है.

 सातारा जिले मिले 525 नए मरीज

पुणे संभाग में आज 2331 मरीजों ने कोरोना को मात देने में सफलता पायी है. इसमें पुणे जिले के सर्वाधिक 1235, सातारा जिले के 525, सांगली जिले के 224, सोलापुर जिले के 186 और कोल्हापुर जिले के 161 मरीज शामिल हैं. पूरे संभाग में गत 24 घंटे के भीतर महामारी के 1103 नए मरीज मिले हैं. इसमें अकेले पुणे जिले के 549 मरीज शामिल हैं.इसके अलावा सातारा में 187, सोलापुर में 152, सांगली में 154 और कोल्हापुर जिले में 61 नए संक्रमित मिले हैं. सातारा में आज संक्रमितों का आंकड़ा 45 हजार 560 हो गया है. इसमें से 40 हजार 217 मरीज इलाज के बाद घर लौट गए हैं, जबकि 1509 मरीजों की मौत हो गई है.फिलहाल 3834 मरीजों का इलाज जारी है. सांगली जिले में आज संक्रमितों का आंकड़ा 44 हजार 570 हो गया है. इसमें से 40 हजार 992 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. जबकि 1626 मरीजों की मौत हो चुकी है.फिलहाल 1952 मरीजों का इलाज जारी है.