होम आइसोलेशन में ठीक हुए 7055 मरीज

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पिंपरी. पिंपरी-चिंचवड़ शहर में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने पर बेड की कमी महसूस की जा रही है, लेकिन कई बिना लक्षण वाले मरीजों की पसंद होम आइसोलेशन बन रहा है. घर में आइसोलेट हो जाने और इलाज करवाने पर सांस लेने में तकलीफ वाले गंभीर मरीजों के लिए बेड उपलब्ध हो जाने से कुछ मदद मिल रही है. अब तक ठीक हए 25 हजार मरीजों में से करीब 9 हजार मरीजों ने घर पर ही इलाज करवाया था. इसमें से 7055 मरीज ठीक भी हो गए हैं.

1700 मरीज अभी भी होम आइसोलेट

वर्तमान में 1700 मरीज घर पर ही आइसोलेट हैं और उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है. पिंपरी-चिंचवड़ शहर में कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है. अब तक वहा 25 हजार मरीज मिल चुके हैं. इनमें से 17,647 मरीज ठीक होकर घर चले गए हैं तथा अभी 6,765 सक्रिय मरीज हैं. अब तक 435 मरीजों की मौत हो गई है. मनपा कमिश्नर श्रवण हर्डिकर ने बताया कि 15 अगस्त तक मरीजों की संख्या 50 हजार हो जाएगी. मनपा द्वारा बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए कोविड केयर सेंटर तैयार किए गए हैं. जिन मरीजों को कोरोना के लक्षण हैं उन्हें वाईसीएम तथा भोसरी के प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज किया जा रहा है. कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या में सांस लेने की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या भी ज्यादा है. इसके लिए ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था युद्धस्तर पर की जा रही है.

बिना लक्षणवाले मरीजों की संख्या अधिक

कोरोना के पॉजिटिव मरीजों में बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है. ऐसे मरीजों को घर पर ही आइसोलेट होने की अपील मनपा द्वारा की गई है. जिसका मरीजों ने भी अच्छा रिस्पांस दिया है. किसी पॉजिटिव मरीज की स्थिति और लक्षण नहीं होने पर वह घर में रहकर ठीक हो सकता है. यदि डॉक्टर को लगा तो वह मरीज को होम आइसोलेशन की परमिशन दे सकता है. इसके लिए अलग कमरा, अलग टॉयलेट और केयर टेकर की व्यवस्था होनी चाहिए. जिनके पास यह सुविधा नहीं है उसे कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जाएगा. झोपड़पट्टी में रहने वाले मरीजों को होम आइसोलेट नहीं किया जा सकता है.

मनपा करती है देखरेख

किसी मरीज की होम आइसोलेट होने की इच्छा न हो तो उसे कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जा सकता है. होम आइसोलेट किए गए मरीजों की जानकारी मनपा के पास होती है. इन मरीजों की देखभाल भी मनपा करती है. पहले दस दिनों में मनपा के वॉर रूम से हर दिन फोन किया जाता है और मरीज के स्थिति के बारे में जानकारी ली जाती है. कोरोना के लक्षण या अन्य स्थिति होने पर उसे इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है. 10 दिनों बाद कुछ परेशानी या लक्षण दिखने पर खुद से मनपा को बताना आवश्यक है. होम आइसोलेट किए मरीजों की बिल्डिंग पर कोविड मरीज का बोर्ड लगाया जाता है और स्वास्थ्य विभाग द्वारा बिल्डिंग को सैनिटाइज किया जाता है. इस बारे में बताते हुए अतिरिक्त आयुक्त संतोष पाटिल ने कहा कि शहर में बढ़ते मरीजों ही संख्या को देखते हुए बिना लक्षण वाले मरीजों से होम आइसोलेट होने की अपील की गई है. अब तक 9 हजार मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है इसमें से 7,555 मरीजों का आइसोलेशन पूरा हो गया है.