पुणे. हत्या के दो मामलों में निर्दोष साबित होने के बाद नवी मुंबई (Navi Mumbai) की तलोजा जेल (Taloja Gel) से रिहा होते ही गैंगस्टर गजा उर्फ गजानन मारणे (Gajanan marane) के जुलूस के जरिए पुणे में दाखिल होने से उसकी दिक्कतें बढ़ गई है। उसके जुलूस के लिए शानदार वाहन उपलब्ध कराने के आरोप में कोथरुड पुलिस (Kothrud Police) ने एक भाजपा (BJP) पदाधिकारी सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने छह आलीशान कारें (Cars) भी जब्त (Seized) की है जो जुलूस में शामिल थी।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, जुलूस के लिए लैंड क्रूजर कार राहुल दलवी द्वारा लाया गया था। राहुल दलवी वडगांव शेरी में भाजपा युवा मोर्चा का पदाधिकारी हैं। वह वडगांव स्ट्रीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी नारायण गलांडे से किसी काम के लिए लैंड क्रूजर कार मांग कर ले गए थे। यह मामला सामने आने के बाद राहुल दलवी लापता हो गया। हालांकि अब पुणे पुलिस ने राहुल दलवी सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।
गजा मारणे गिरफ्तारी के डर से फरार
मामला तूल पकड़ते देख गैंगस्टर गजा मारणे और उसके साथी गिरफ्तारी के डर से फरार हो गया। वारजे मालवाड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में आरोपी गजानन मारणे फरार घोषित है। वारजे पुलिस ने गैंगस्टर की तलाश के लिए अलग-अलग दस्ते बनाए हैं। पुलिस दस्तों ने हत्यारे सहित उसके सहयोगियों के घरों सहित, छिपने के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी शुरू की है। पुलिस ने आरोपियों को छिपाने में मदद करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। संपत्ति और बैंक खाते की जानकारी भी एकत्र की जा रही है। विशेष रूप से अगर मारणे को निर्धारित समय के भीतर गिरफ्तार नहीं किया जाता अथवा समर्पण नहीं करता है तो उसकी संपत्ति को भी जब्त कर लिया जाएगा।
लैंड क्रूजर कार जब्त!
लैंड क्रूजर जिसमें गजा मारणे तलोजा जेल से बाहर निकला और इसमें सवार होकर जुलुस के साथ घर पहुंचा था। पुलिस कार को जब्त करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। यह कार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नारायण गलांडे की थी। इस कार की वर्तमान कीमत लगभग 2 करोड़ रुपए है। यह कार पुणे में चंद लोगों के पास ही है। जुलूस के बाद पुलिस द्वारा कार को जब्त कर लिया गया है। एक गैंगस्टर को लैंड क्रूजर कार देना नारायण गलांडे को महंगा पड़ा।
वास्तव में क्या हुआ?
हत्या के मामले में बरी होने के बाद गजा मारणे के गुर्गों ने उसकी तलोजा जेल के बाहर से जुलूस निकाला था। मारणे अपने साथियों के साथ पुणे- मुंबई एक्सप्रेस वे से पुणे आया। जुलूस में लगभग 300 गाड़ियां थीं। उसके साथी उर्से टोल नाके पर रुक गए और पटाखों की आतिशबाजी, शोरशराबा करते हुए दहशत निर्माण किया। यह सब ड्रोन कैमरे द्वारा फिल्माया गया, जिससे आतंक का माहौल पैदा हुआ। इसके बाद मारणे और उसके साथियों के खिलाफ पिंपरी चिंचवड़ के तलेगांव दाभाडे, हिंजवड़ी पुणे में कोथरुड, वारजे मालवाडी और खालापुर पुलिस थानों में मामले दर्ज किए गए। कोथरुड पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया हालांकि उसे तुरंत जमानत भी मिल गई है।