Action taken on shops disrupting work

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    पुणे. महामेट्रो (Maha Metro) की ओर से शहर में दो मेट्रो मार्ग का काम किया जा रहा है। करीब 31 किमी के इस दोनो मार्ग में शिवाजी नगर (Shivaji Nagar) से स्वारगेट (Swargate) का 5 किमी का मार्ग भूमिगत (Underground) है। इसमें ही एक स्टेशन मंडी इलाके में आता है। यहां के लगभग 87 दुकानों के मालिकों का पुनर्वसन करना है। यह जिम्मेदारी पुणे महानगरपालिका (PMC) पर सौंपी गई थी। उसके अनुसार हाल ही में पीएमसी इन दुकान के मालिकों को मंडी के नजदीकी काका हलवाई दुकान के पीछे इन लोगों का पुनर्वसन किया है। 

    इन लोगों को वहां दुकान बनाकर दिए है। यह पुनर्वसन स्थाई रूप से नहीं है। मेट्रो का काम खत्म होने के बाद इन लोगों को उनके पहले जगह पर बिठा दिया जाएगा। इस बीच, काम में बाधा होनेवाले दुकानों को शनिवार को हटाया गया। ऐसी जानकारी पीएमसी अतिक्रमण विभाग द्वारा दी गई। 

    शिवाजी नगर से स्वारगेट का 5 किमी का मार्ग भूमिगत

    मेट्रो प्रकल्प के तहत बनाए जानेवाले स्टेशन्स व मेट्रो मार्ग की वजह से करीब 688 परिवार बाधित होंगे। उसमें से 242 व्यावसायिक प्रॉपर्टियां है व शेष सभी प्रॉपर्टियों रेसिडेन्सियल है। इन लोगों का पुनर्वसन कानून के तहत किया जाएगा। महामेट्रो की ओर से वनाज से रामवाडी व स्वारगेट से पिंपरी-चिंचवड ऐसे दो मार्गों का काम हाथ में लिया गया है। करीब 31 किमी के इस दोनों मार्ग में शिवाजी नगर से स्वारगेट का 5 किमी का मार्ग भूमिगत है। इस वजह से इन मार्ग के दायरे में बनाए जानेवाले स्टेशन्स व मेट्रोमार्गिका की वजह से विस्थापित होनेवाले परिवारों का सामाजिक, वित्तिय परिणाम निर्धारण सर्वे सेंटर फॉर मार्केट रिसर्च संस्था द्वारा महामेट्रो ने किया है। इस संस्था ने संबंधित परिवारों की भेट लेकर सर्वे के माध्यम से जानकारी जमा कर ली है। उसकी अंतिम रिपोर्ट भी मेट्रो को दी गयी है। इस रिपोर्ट के माध्यम से बाधित लोगों की तादाद सामने आयी है। सर्वे के अनुसार पिंपरी से स्वारगेट मार्ग के दायरे में 472 परिजन बाधित हो जाएंगे। उसमें से  करीब 80 प्रतिशत प्रॉपर्टियां मनपा सीमा के दायरे की है। उसमें से 250 परिवार कर्वे रोड़ परिसर की है तो कसबा पेठ इलाके में करीब 248 प्रॉपर्टियां बाधित होगी। उसमें से 38 दुकान बाधित हो जाएंगे। तो मंडई इलाके में 90 प्रॉपर्टियां बाधित हो जाएंगी, उसमें से 38 दुकान कसबा पेठ व मंडई में है। इन परिवारों का पुनर्वसन करने के लिए एसआरए व महापालिका की मदद ली जाएगी।

    पीएमसी ने की कार्रवाई  

    मंडई इलाके में महामेट्रो द्वारा काम करने के लिए सम्बंधित दुकान मालिकों का पुनर्वसन करना आवश्यक था। इसके अनुसार इसकी जिम्मेदारी पीएमसी पर सौंपी गई थी। पीएमसी के अतिक्रमण विभाग द्वारा यहां पर सुनवाई लेकर इन दुकान मालिकों का पुनर्वसन किया है। यहां के लगभग 87 दुकान मालिकों का पुनर्वसन करना है। यह जिम्मेदारी पीएमसी पर सौंपी गई थी। उसके अनुसार हाल ही में मनपा इन दुकान मालिकों को मंडी के नजदीकी काका हलवाई दुकान के पीछे इन लोगों का पुनर्वसन किया है। इन लोगों को वहां दुकान बनाकर दिए है। यह पुनर्वसन स्थाई रूप से नहीं है। मेट्रो का काम खत्म होने के बाद इन लोगों को उनके पहले जगह पर बिठा दिया जाएगा। इस बीच काम में बाधा होनेवाले दुकानों को शनिवार को हटाया गया। अब मेट्रो अपना काम कर सकता है। ऐसी जानकारी पीएमसी अतिक्रमण विभाग द्वारा दी गई। 

    कार्रवाई का हुआ विरोध 

    पीएमसी ने आज सुबह बिना कोई जानकारी या नोटिस दिए स्थानीय व्यापारियों पर बताए बिना, मंडई में एक व्यापारी के खिलाफ बहुत गलत तरीके से कार्रवाई की है। हम इस घटना का विरोध कर रहे हैं। मंडई, गाले धारक और फल विक्रेता संघ के अध्यक्ष सोमनाथ काची ने चेतावनी दी है कि विरोध करने के लिए तीव्र आंदोलन किया जाएगा। काची ने कहा कि मंडई से अंडरग्राउंड मेट्रो का काम चल रहा है। हमने समय-समय पर नगर निगम और मेट्रो को सूचित किया था कि हम सहयोग के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले हमने पुनर्वास की मांग की। महा मेट्रो, पुणे मनपा आयुक्त, उपायुक्त, मंडई अधिकारियों के साथ-साथ राजनीतिक नेताओं और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की सहमति से उच्च न्यायालय के आदेश के उल्लंघन में और कोरोना नियमों के उल्लंघन में भी अवैध कार्रवाई की गई है। ऐसा आरोप काची ने लगाया। उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही एक बड़ी लड़ाई शुरू की जाएगी।