पुणे. पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) प्रशासन की ओर से शहर में अतिक्रमण (Encroachment) कार्रवाई साथ ही अवैध निर्माण कार्य पर कार्रवाई की जाती है। बड़े पैमाने पर यह कार्रवाई की जाती है। इसके लिए मनपाकर्मी कम पड़ जाते है। इस वजह से इसके लिए अतिरिक्त कर्मी लिए जाएंगे।
इसके लिए महानगरपालिका करीब 1 करोड़ की लागत आएगी। इससे सम्बंधित प्रस्ताव (Proposal) प्रशासन द्वारा मंजूरी के लिए स्थायी समिति (Standing Committee) के समक्ष रखा है। इस पर समिति की कल होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी ।
स्थायी समिति के समक्ष प्रस्ताव
ज्ञात हो कि अवैध तरीके से निर्माण की गई झोपड़ियां, इमारतों के साईड और फ्रंट मार्जिन में बनाए जानेवाले शेड़स, अनुमति ना लेकर निर्माण किए गए घर और बड़े निर्माण कार्यपर महानगरपालिका के अतिक्रमण विभाग की ओर से कार्रवाई की जाती है। पहले ऐसे अवैध निर्माण कार्य को नोटिस भेज दी जाती है। अगर उन्होंने वहां से अपना निर्माण कार्य नहीं हटाया तो जेसीबी, कटर और मनपा कर्मी के तहत उस पर कार्रवाई की जाती है। निर्माण कार्य हटाने के लिए मनपा प्रशासन को जितना खर्चा आता है, वह सभी प्रॉपर्टीधारक से वसूला जाता है।
1 करोड़ की लागत आएगी
इसी तर्ज पर महानगरपालिका प्रशासन द्वारा अतिक्रमण कार्रवाई की जाती है। इसमें फेरीवालों पर कार्रवाई की जाती है। इसके लिए मनपाकर्मी कम पड़ जाते है। इस वजह से इसके लिए अतिरिक्त कर्मी लिए जाएंगे। इसके लिए महापालिका करीब 1 करोड़ की लागत आएगी। इसके लिए मनपा द्वारा टेंडर प्रक्रिया लागू की थी। इसमें हेमंत शाह का टेंडर 99 लाख 90 हजार का सबसे कम था। इसलिए प्रशासन ने इसे ही काम देने का मन बना लिया है। इससे सम्बंधित प्रस्ताव प्रशासन द्वारा मंजूरी के लिए स्थायी समिति के समक्ष रखा है। इस पर समिति की कल होने वाली बैठक में चर्चा होगी।