गणेशोत्सव को लेकर सामंजस्य की भूमिका अपनाए प्रशासन

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  • कांग्रेस महासचिव मोहन जोशी की अपील

पुणे. कोरोना के प्रकोप की गंभीरता को देखते हुए पुणे में सार्वजनिक गणेश मंडल ने इस साल के त्योहार को सादगी से मनाने का फैसला किया है. इसको लेकर महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस पार्टी के महासचिव मोहन जोशी ने प्रशासन से त्योहार को लेकर सहयोग और सामंजस्य की भूमिका निभाने की अपील की है.

गणेश मंडलों को सहयोग करे मनपा

जोशी के अनुसार, वर्तमान में कोरोना महामारी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सभी धर्मों के त्योहार पुणे में सादगी से मनाए जा रहे हैं. गणपति मंडलों ने गणेशोत्सव को सादे तरीके से मनाने का फैसला किया है, जो पुणे का गौरव है. गणेश  आगमन और विसर्जन रैली सरकारी नियमों के तहत नहीं निकाला जाएगा और न ही इस बार भव्य सजावट और झांकियां  भी निकाली जाएगी.  मंडलों ने यह भी ध्यान रखा है कि धार्मिक अनुष्ठानों को छोड़कर कोई आयोजन नहीं किया जाएगा. भीड़ से बचने के लिए मंडलों ने यह निर्णय लिया है. 

फर्ग्यूसन कॉलेज में एक देखभाल केंद्र चलाया जाएगा

जोशी के अनुसार मंडलों ने त्योहार के दौरान स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों को लागू करने का निर्णय लिया है. मंडलों  के सहयोग से फर्ग्यूसन कॉलेज में एक देखभाल केंद्र चलाया जाएगा. लॉकडाउन के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं ने भोजन और दवा के साथ जरूरतमंदों की मदद की. पत्र में मोहन जोशी ने कहा कि मंडलों की इस रचनात्मक भूमिका के मद्देनजर, प्रशासन को भी मंडलों के साथ एक सहमति भूमिका निभानी चाहिए.

मंदिर में उत्सव ना मनाने को लेकर भ्रम

जोशी ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ से बचने के उपाय के रूप में मंदिरों को सरकार के निर्णय के अनुसार भक्तों के दर्शन के लिए बंद रखा गया है इसलिए यह कहना भ्रम की स्थिति है कि त्योहार मंदिर में मनाया जाना चाहिए. मोहन जोशी ने सुझाव दिया है कि इस मामले पर विचार किया जाना चाहिए और मंडलों को स्वेच्छा से भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए. जोशी ने कहा कि पुणे के गणेशोत्सव को लगभग आधी सदी से अधिक की लंबी परंपरा है. चाहे वह 10 साल पहले स्वाइन फ्लू का प्रकोप हो या 1897 का प्लेग,  उस समय, त्योहार को सामाजिक चेतना के साथ मनाया जाता रहा है.  इस साल भी वही परंपरा कायम रहेगी.