पु- कोई विभाग प्रमुख नहीं निकाल रहे खामियां!
– राज्य सरकार का उद्देश्य नहीं सफल हो रहा
पुणे. महापालिका कर्मियों की कार्यक्षमता ध्यान में लेने के निर्देश राज्य सरकार द्वारा दिए गए है. इसके अनुसार जिन कर्मियों की सेवा 30 साल से अधिक हुई है या जो कर्मी 50-55 उम्र के हैं, ऐसे कर्मियों की कार्यक्षमता जांची जा रही हैं. उसके लिए विभाग स्तर पर अभिवेदन समितियां बनाई हैं. इन समितियों द्वारा इसकी रिपोर्ट 31 मार्च तक देना अपेक्षित हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर वेतनवृद्धि भी तय हो जाती है.
विगत दो सालों में इस रिपोर्ट के तहत किसी भी कर्मी की खामियां नहीं निकाली गई हैं. सभी कर्मियों को कार्यक्षम घोषित किया जाता है. जबकि इतनी उम्र के कर्मी को कोई ना कोई बीमारी होती है साथ ही उम्र के अनुसार कार्यक्षमता भी कम होती है. लेकिन कोई विभाग प्रमुख अपने कर्मियों के बारे में सच जानकारी नहीं दे रहा है, जबकि इसका असर मनपा के कामकाज पर होता है. अधिकारियों के इस रवैये से सरकार का उद्देश्य सफल नहीं हो पा रहा है.
कर्मियों की जांची जा रही कार्यक्षमता
ज्ञात हो कि महापालिका कामकाज में तेजी आए साथ कर्मियों की कार्यक्षमता बढ़ाने को लेकर प्रयास किए जाते हैं, लेकिन फिर भी कई कर्मी अनफिट होने के कारण इसका असर मनपा कामकाज पर हो जाता है. इस वजह से हाल ही में राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया था कि कर्मियों की कार्यक्षमता जांच ली जाए. इसके अनुसार जिन कर्मियों की सेवा 30 साल से अधिक हुई है या जो कर्मी 50-55 उम्र के हैं, ऐसे कर्मियों की कार्यक्षमता जांची जा रही हैं. उसके लिए विभाग स्तर पर अभिवेदन समितियां बनाई हैं. इसके जांच में जो अपात्र नजर आएगा, उसे सेवा से हटाने के निर्देश भी राज्य सरकार द्वारा दिए गए है. इस पर प्रशासन द्वारा विगत साल से अमल भी किया जा रहा है.
मनपा कामकाज पर असर
अभिवेदन समितियों द्वारा इसकी रिपोर्ट 31 मार्च तक देना अपेक्षित है. रिपोर्ट के आधार पर ही वेतनवृद्धि की सिफारिश की जाती है, लेकिन विगत दो सालों में इस रिपोर्ट के तहत किसी भी कर्मी की खामियां नहीं निकाली गई हैं. सभी कर्मियों को कार्यक्षम घोषित किया जाता है. जबकि इतने उम्र के कर्मी कोई ना कोई बीमारी होती है. साथ ही उम्र के अनुसार कार्यक्षमता भी कम होती है. लेकिन कोई विभाग प्रमुख अपने कर्मियों के बारे में सच जानकारी नहीं दे रहा है. ये लोग सोचते है कि हम किसी कर्मी का बुरा क्यों करें? जबकि इसका असर मनपा के कामकाज पर होता है. अधिकारियों के इस रवैये से सरकार का उद्देश्य सफल नहीं हो पा रहा है. इस बीच मनपा का आम प्रशासन विभाग द्वारा इस पर सही तरीके से अमल हो, इसका नियोजन बनाया जा रहा है.