रोजाना जलापूर्ति के लिए और सालभर का इंतजार

  • अतिरिक्त पानी उपलब्ध होने तक एक दिन छोड़कर जलापूर्ति कायम

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पिंपरी. इस साल बारिश ने त्राहि-त्राहि मचा दी है, यहां तक कि वापसी की बारिश ने भी जाते जाते हाहाकार मचा कर रख दिया. उम्मीद से ज्यादा बारिश के चलते जिले के सभी बांध लबालब हुए हैं. पिंपरी-चिंचवड़ और मावल तालुका की प्यास बुझाने वाला पवना बांध भी शत प्रतिशत भर गया है. बावजूद इसके पिंपरी-चिंचवड़ शहर में पानी की कटौती कायम है. 

गत डेढ़ साल से शहरवासियों को एक दिन छोड़कर जलापूर्ति की जा रही है. इस ओर ध्यानाकर्षित करने पर मनपा कमिश्नर श्रावण हार्डिकर ने स्पष्ट किया कि नियमित जलापूर्ति के लिए सालभर का इंतजार और करना होगा.

50 एमएलडी अतिरिक्त पानी उपलब्ध होने तक असर

मनपा कमिश्नर ने कहा कि शहर के लिए जब तक 50 एमएलडी अतिरिक्त पानी उपलब्ध नहीं हो जाता, तब तक एक दिन छोड़कर ही जलापूर्ति की जाएगी. पिंपरी-चिंचवड़ की आबादी में लगातार वृद्धि हो रही है. जलापूर्ति सप्लाई की समस्या प्राथमिकता के साथ हल की जा रही है. शहर में जलापूर्ति सुचारू रखने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं.आंद्रा, भामा-आसखेड़ बांधों से पानी लाने की परियोजनाओं के कार्यों को गतिशील कर सभी कार्य तेजी से पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है. इस योजना के जरिए साल भर में 100 एमएलडी अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने का प्रयास जारी है.

पवना पाइपलाइन परियोजना पर लगा प्रतिबंध हटाना जरूरी  

पिंपरी-चिंचवड़ शहर की दृष्टि से पवना पाइपलाइन परियोजना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है. इस परियोजना पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने के लिए हम राज्यस्तर पर प्रयास कर रहे हैं. इसके अलावा पवना पाइपलाइन परियोजना का प्रशासकीय स्तर पर प्रारूप तैयार किया जा रहा है. पवना बांध के जलसंचय में शहर के लिए सिर्फ 425 एमएलडी पानी का कोटा आरक्षित किया गया है, मगर शहरवासियों की प्यास बुझाने के लिए 480 एमएलडी तक अतिरिक्त पानी लिया जा रहा है. पवना पाइपलाइन योजना के जरिए पानी के लीकेज को नियंत्रित किया जा सकेगा तथा 30% पानी की बचत होगी. इसके साथ ही पानी कम होने की स्थिति में 600 एमएलडी तक अतिरिक्त पानी लिया जा सकेगा.

सभी कार्य दिसंबर तक पूर्ण होंगे

मनपा कमिश्नर श्रावण हार्डिकर ने संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत में यह भी कहा कि केंद्र सरकार की अमृत योजना के जरिए सप्ताह भर 24 घंटे जलापूर्ति के लिहाज से तैयार की गई परियोजना के 2 चरणों के कार्य तेजी से जारी हैं. पहले चरण में शहर के 40 फीसदी तथा दूसरे चरण में 60 फीसदी क्षेत्र में कार्य किए जा रहे हैं. इन दोनों चरणों के करीब 80 फीसदी कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं. शेष सभी कार्य आगामी दिसंबर तक पूर्ण हो जाएंगे. पानी के लीकेज पर नियंत्रण के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं.साथ ही रावेत पम्पिंग स्टेशन की पानी लेने की क्षमता में वृद्धि का कार्य भी अंतिम चरण में पहुंच चुका है, यह कार्य नवंबर तक पूर्ण हो जाएगा, यह विश्वास भी उन्होंने जताया.