पुणे. कुंभ मेले (Kumbh Mela) में जो हुआ वो आषाढी यात्रा (Ashadhi Yatra) में न हो, इसके लिए सभी के साथ चर्चा कर इस बार के आषाढी यात्रा समारोह के बारे में उचित निर्णय लिया। यह सच है कि परंपरा आगे चलती रहनी चाहिए। ऐसा हमें भी लगता है, लेकिन कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की तीसरी लहर की पूर्वसूचना होने के कारण उसके बारे में सोचना आवश्यक है, ऐसा उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) ने शनिवार को बारामती में एक बातचीत में स्पष्ट किया।
कोरोना का कहर न बढ़े इसके लिए राज्य सरकार ने घोषणा की कि इस वर्ष बही आषाढ़ी पालकी समारोह बस से होगी। राज्य के 10 सम्मानित पालकी समारोह के लिए 60 वारकरियों के साथ 19 जुलाई को पंढरपुर जाने की इजाजत दी गई है। पवार ने आगे कहा कि राज्य सराकर ने सभी से चर्चा कर पालकी समारोह के बारे में निर्णय लिया है। हर साल चलनेवाली परंपरा जारी रहनी चाहिए, ऐसा हमे भी लगता है। मगर कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए इसके बारे में भी हमे सोचना चाहिए।
सावधानी बरतना जरूरी
सभी अधिकारी, पुलिस अधिकारी ने सबसे तालमेल बिठाकर पालकी समारोह के बारे में निर्णय लिया है। यात्रा जाने के बाद आगे की विधि के लिए ढील दी गई है। जिस तरह का प्रतिबंध पिछली बार था उस तरह का प्रतिबंध इस बार नहीं है। कुंभ मेले में जो हुआ वो आषाढी यात्रा में न हो, इसके लिए सावधानी बरतना जरूरी है। हम वारकरी समाज की भावना का आदर करते हैं। राज्य के स्वास्थ्य की तरह भी ध्यान देना जरूरी है। तीसरी लहर की संभावना होने के कारण सभी बातों के बारे में सोचकर निर्णय लेना पड़ता है। इसके बाद भी वारकरी समाज की भावना उग्र होगी तो विभागीय आयुक्त को सूचना देकर संबंधित मान्यवरों से चर्चा करने को कहेंगे, ऐसा पवार ने कहा।