आंकड़ों की बाजीगरी से कोरोना की लड़ाई हो रही कमजोर

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– विरोधी दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार पर साधा निशाना

पुणे. कोरोंना मरीजों के आंकड़े कम दिखाने के चक्कर में राज्य सरकार कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई को कमजोर बना रही है. उक्त आरोप विरोधी दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने लगाए. उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए राज्य की स्वास्थ्य ब्यवस्था को खड़ी करने के लिए राज्य सरकार मनपा को आर्थिक निधि उपलब्ध कराए.

राज्य में कोरोना की स्थिति का जायजा लेने के लिए फडणवीस राज्य भर के दौरे पर निकले हुए हैं. मंगलवार को वे पुणे में थे. उन्होंने नायडू अस्पताल, ससुन अस्पताल का दौरा किया. वहां के चिकित्सा अधिकारी, प्रशासकीय अधिकारियों से उन्होंने चर्चा की. 

कोरोना का प्रसार रोक पाने में सरकार असमर्थ 

पत्रकारों से उन्होंने कहा कि प्रशासकीय अधिकारियों में समन्वय न होने से कोरोना का प्रसार रोक पाने में सरकार असमर्थ रही है. उन्होंने आरोप लगाए कि राज्य सरकार कोरोना मरीजों की संख्या को कम दिखाने का प्रयास कर रही है. अभी जब कोरोना जांच का प्रमाण बढाने की जरूरत है तो उसे कम किया जा रहा है. रोजाना 38 हजार टेस्टिंग करने की क्षमता राज्य की है. परंतु, केवल 14 हजार टेस्ट ही किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना से प्रभावितों की दर 18 प्रतिशत है. उसे कम करना होगा. इसके लिए टेस्टिंग बढाना होगा. इससे मरीजों को समय पर उपचार मिलेगा व मृत्यु का प्रमाण कम होगा. और यदि समय पर मरीजों को विलगीकरण कक्ष में रखा गया तो उनसे होनेवाले  कोरोना के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी.

राज्य सरकार को आर्थिक निधि उपलब्ध कराना चाहिए

उन्होंने कहा कि लाकडाऊन में ढील के बाद राज्य के अन्य हिस्सों में कोरोना का प्रसार तेजी से हो रहा है. ऐसे में आर्थिक  रूप से सक्षम महापालिका ने अपने ढंग से स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने का प्रयत्न किया, परंतु जो मनपा आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं, ऐसी मनपा को स्वास्थ्य यंत्र को खड़ी करने के लिए राज्य सरकार को आर्थिक निधि उपलब्ध कराना चाहिए. ऐसी मांग फडणवीस ने की.

अभी से नीति नियोजन करना जरूरी 

उन्होंने कहा कि  कोराना के संकट में आ रही दिक्कतों को सरकार तक वे पहुंचाएंगे ताकि उसे सुलझाने में मदद मिल सके. उन्होंने कहा कि केंद्रीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार लुलाई व अगस्त में राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या में बेतहासा वृद्धि हो सकती है. उस हिसाब से राज्य में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार को अभी से नीति नियोजन करना जरूरी है. पर ऐसा कोई भी प्रयास वह करती हुई नजर नहीं आ रही.

नफा कमा रहे निजी अस्पतालों पर कार्रवाई हो

फडणवीस ने कहा कि संकट की इस घड़ी में भी नफाखोरी कर रहे निजी अस्पतालों पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. निजी अस्पतालों में इसके उपचार के दर को लेकर राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी किया है. फिर भी ये अस्पताल कोरोना के उपचार के अधिक शुल्क वसूले जा रहे हैं. इसकी ओर राज्य सरकार अनदेखी कर रहे हैं. इन अस्पतालों में 80 प्रतिशित बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखने को कहा गया है, फिर भी उसकी पडताल करनेवाली यंत्रणा ही नहीं दिखाई पड़ रही है.

पुस्तक लिखेंगें फडणवीस

सरकार की स्थिरता व कामकाज को लेकर फडणवीस ने कहा कि हमारा इरादा इस  सरकार को गिराने का नहीं है. जिस तरह से यह सरकार चल रही है, उससे लग रहा है कि यह सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी. राकां के साथ मिलकर सरकार बनाने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दो साल पहले ही राष्ट्रवादी के साथ राज्य में भाजपा की सत्ता स्थापित हो गई होती पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने साफ निर्देश दिए थे कि हमें शिवसेना के साथ ही रहना है. इसलिए तब तब राकां के साथ सत्ता स्थापित नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि इन सब घटनाओं पर वे एक पुस्तक लिखेंगे.