भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के फिर बिगड़े बोल

  • उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के खिलाफ कही अमर्यादित बात
  • सियासी गलियारों में बवाल मचा

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पुणे. बड़बोलेपन के लिए मशहूर भाजपा के  प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के बोल एक बार फिर बिगड़ गए. जिससे सियासी गलियारों में बवाल मचा हुआ है. असल में भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और पुणे के कोथरुड विधानसभा क्षेत्र के विधायक रहे चंद्रकांत पाटिल ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है, जिसको लेकर अब काफी बवाल हो रहा है.

पाटिल ने पुणे मनपा के प्रभाग समितियों के अध्यक्ष पद के चुनाव के नतीजों को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि, मनपा में सत्ता के ख्वाब न देखें, हम तुम्हारे बाप हैं.

 प्रभाग समितियों के 1 सीट सत्ताधारी बीजेपी ने जीते

पुणे के कोथरुड निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में विधायक चंद्रकांत पाटिल ने उक्त अमर्यादित बात कही है. पुणे मनपा की प्रभाग समितियों के चुनाव में 11 सीट सत्ताधारी बीजेपी के खाते में गई. वहीं चार सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस के खाते में गईं, जबकि लकी ड्रॉ के माध्यम से कांग्रेस को एक सीट मिली है.भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि हालांकि पुणे मनपा के प्रभाग समिति के अध्यक्ष पद के चुनाव में 16 सीटें हमें मिलनी चाहिए थी. अजित पवार को मनपा में राष्ट्रवादी की सत्ता के भविष्य के सपने दिखाई देते हैं, लेकिन उन्हें अपनी एनर्जी व्यर्थ में नष्ट नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम उनके बाप हैं.

कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने में बहक गए

इस बैठक में पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 282 और 2019 के चुनाव में 305 सांसद जिताये. इसके अलावा भाजपा को सहयोग देनेवाले सांसदों की संख्या को उन्होंने 103 से 153 पर पहुंचाई. इतने बड़े संख्याबल वाली पार्टी के कार्यकर्ता होने का हमें अभिमान होना चाहिए. बहरहाल इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को लेकर कही गई अमर्यादित बात से सियासी गलियारों में खलबली मच गई है.पाटिल से पहले भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे रावसाहेब दानवे के भी इसी तरह से अक्सर बोल बिगड़ते रहे हैं जिससे वे लगातार विवादों में घिरे रहे.

अस्थिरता से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं

दानवे के बाद अब दूसरे प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल भी लगातार विवादित बयानों को लेकर घिरते नजर आ रहे हैं. उन्होंने हालिया मुंबई के एक होटल में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत की मुलाकात पर कहा था कि जब दो अलग-अलग राजनीतिक दलों के दो बड़े नेता आपस मिलते हैं, तो जाहिर तौर पर राजनीति की ही चर्चा होती है. स्वाभाविक है कि इस मीटिंग के दौरान उन्होंने चाय और बिस्किट की चर्चा तो नहीं की होगी, लेकिन यह बैठक अनिर्णायक थी.उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी राज्य में मध्यावधि चुनाव नहीं चाहता है, लेकिन अस्थिरता से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है.एक अच्छी सुबह को सब कुछ बदल जाएगा.