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  • एक वकील समेत तीन आरोपी पुलिस के शिकंजे में

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पुणे. करीबन 15 दिन के पुणे शिवाजीनगर स्थित जिला न्यायालय के परिसर से रहस्यमय तरीके से गायब हुए वकील को न्यायालय से अगवा कर उसकी हत्या करने के बाद लाश को ताम्हिणी घाट में ले जाकर फेंके जाने का खुलासा हुआ है. जमीन के विवाद में यह वारदात होने की संभावना जताई जा रही है. 

2 साल पहले इसी विवाद में वकील ने रिश्वतखोरी की शिकायत दर्ज कराई थी. इस पर से उसका एक अन्य वकील के साथ विवाद चल रहा था. शिवाजीनगर पुलिस ने इस मामले में एक वकील समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. ये जानकारी पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने दी.

फलके और शेंडे के खिलाफ पहले से मामले दर्ज

उमेश चंद्रशेखर मोरे (33) ऐसा मृत वकील का नाम है. इस मामले में कपिल विलास फलके (34), दीपक शिवाजी वांडेकर (28) और रोहित दत्तात्रय शेंडे (32) को गिरफ्तार किया गया है. सोमवार को उन्हें अदालत में पेश करने पर अदालत ने उन्हें 4 दिन तक पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है. गिरफ्तार आरोपियों में शामिल रोहित शेंडे खुद भी वकील है और वह शिवाजीनगर न्यायालय में वकालत करता है. आरोपी कपिल फलके और शेंडे के खिलाफ पुलिस में मामले दर्ज हैं. शेंडे के खिलाफ बंडगार्डन पुलिस थाने में रिश्वतखोरी का मामला दर्ज है जिसमें उमेश मोरे फरियादी थे. इस पूरी वारदात के पीछे पुणे की एक जमीन से जुड़ा बहुचर्चित विवाद जिम्मेदार रहने की जानकारी सामने आई है. 

15 दिन से गायब था

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, एक अक्टूबर को वकील उमेश मोरे शिवाजीनगर न्यायालय परिसर से अचानक से गायब हो गए थे. इस बारे में पुलिस में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. वकीलों के संगठनों ने न्यायालय परिसर से एक वकील के रहस्यमय तरीके से गायब होने के मामले को गंभीर बताकर इसकी जांच की मांग की थी. मामले की जांच में जुटी पुलिस ने न्यायालय परिसर के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले तब जिस दिन मोरे गायब हुए थे उस दिन उनके साथ 2 लोग संदिग्ध स्थिति में नजर आ रहे थे. इस आधार पर मामले की जांच करते हुए पुलिस ने तीनों आरोपियों को धरदबोचा. आरोपियों ने उमेश मोरे को न्यायालय परिसर से अगवा कर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद सबूत मिटाने के लिहाज से उनकी लाश को ताम्हिणी घाट में ले जाकर उसे जला दिया. पुलिस को चकमा देने के लिए एक आरोपी ने वारदात के बाद अपना मोबाइल फोन एक चलते ट्रक में फेंक दिया. मगर उसकी चालाकी नहीं चली और कानून के लंबे हाथ उसके और उसके साथियों तक पहुंच ही गए. इस कार्रवाई को शिवाजीनगर थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बालासाहेब कोपनर, पुलिस निरीक्षक मनीषा झेंडे, सहायक निरीक्षक संदीप चव्हाण, उपनिरीक्षक कुमार पाटील और उनकी टीम ने अंजाम दिया.