Pune Municipal Corporation

Loading

पुणे. शहर में कचरे की समस्या जारी है। कई वर्षों से यह समस्या चली आ रही है। उपर से प्रशासन को कचरा प्रकल्प बनाने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है। इस वजह से पुणे महा‍नगरपालिका (Pune Municipal Corporation) (पीएमसी) की ओर से लोगों से अपील की गयी थी कि अपनी सोसाइटियों (Societies) में ही कचरा प्रकल्प (Garbage Project) बनाएं। ऐसी सोसाइटियों को टैक्स में 5% सहूलियत (Vantage) दी जाएगी। इसके अनुसार शहर की अनेकों सोसाइटियों ने इसे प्रतिसाद दिया और ये प्रकल्प शुरू किए थे।  ऐसी कुल 75 हजार 38 प्रोपर्टियों को पीएमसी ने सहूलियत देना भी शुरू किया था, लेकिन हाल ही में पीएमसी की ओर से किए गए सर्वे (Survey) के तहत सामने आया है कि ये सोसायटियां सिर्फ सहूलियत का लाभ उठा रही हैं। 

असल में यहां के प्रकल्प बंद अवस्था में है। इस वजह से घनकचरा विभाग की ओर से ऐसे सोसायटियों को नोटिसें भेज दी थी। नोटिसों के बावजूद भी इन लोगों ने प्रकल्प नहीं शुरू किया हैं। इस वजह से अब इन पर कार्रवाई करना शुरू किया है। करीब 3081 प्रोपर्टियों की टैक्स की सहूलियत रद्द की है। ऐसी जानकारी पीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त डॉ. कुणाल खेमनार ने दी। 

टैक्स में दी जाती है सहूलियत 

ज्ञात हो कि शहर की आबादी जिस तरह से बढ़ती जा रही है, उस तरह से पीएमसी में कचरे का निर्माण हो रहा है। हाल ही में शहर में 2100-2200 मैट्रिक टन कचरे का निर्माण हो रहा है, लेकिन उस सभी कचरे पर प्रक्रिया नहीं हो पाती। क्योंकि पीएमसी के पास कम कचरा प्रकल्प हैं। साथ ही मनपा प्रशासन को नए कचरा प्रकल्प बनाने के लिए जगह भी नहीं मिल रही है। इस वजह कचरे की समस्या बढ़ती जा रही है। इस वजह से महापालिका की ओर से लोगों को अपील की गयी थी, कि अपने सोसायटियों में ही कचरा प्रकल्प बनाए। ऐसे सोसायटियों को टैक्स में सहूलियत दी जाएगी। साथ ही तेंदुआ खाद प्रकल्प के लिए भी सहूलियत दी जाती है। 5 से 10 प्रतिशत तक टैक्स में यह सहूलियत दी जाती है। इसके अनुसार, शहर के कई सोसायटियों ने इसे प्रतिसाद देकर ये प्रकल्प शुरू किए थे। ऐसे सोसायटियों को पीएमसी ने सहूलियत देना भी शुरू किया था। 

75 हजार 38 प्रॉपर्टियों को दी थी सहूलियत 

इस बीच, असल में ऐसे सोसायटियों में यह प्रकल्प शुरू है या नहीं, इसको लेकर हाल ही में घनकचरा विभाग की ओर से सर्वे करना शुरू किया गया था। एक दस्ता बनाकर उसे काम पर लगा दिया गया था। इस सर्वे के तहत जानकारी सामने आ रही है कि सोसायटियां सिर्फ सहूलियत का लाभ उठा रही है। असल में यहां के प्रकल्प बंद अवस्था में है। इससे कचरा बढ़ता ही जा रहा है। इस वजह से अब पीएमसी की ओर से ऐसे सोसायटियों पर कार्रवाई करने का फैसला लिया है। अतिरिक्त आयुक्त खेमनार के जानकारी के अनुसार, ऐसे कुल 75 हजार 38 प्रॉपर्टियों को टैक्स में सहूलियत दी जा रही थी, लेकिन 3081 प्रॉपर्टियों में प्रकल्प बंद है। इस वजह से उनकी टैक्स की सहूलियत रद्द की गई है।

 31 मार्च तक समय सीमा 

खेमनार ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार 50 से अधिक सदस्य होनेवाले सोसायटियों को कचरा अपने इलाके में नष्ट करना अनिवार्य किया गया है। खास तौर से गीले कचरे के लिए प्रकल्प बनाना अनिवार्य है। उन्हें सहूलियत दी जाती है। खेमनार के अनुसार, उन्हें अपने इलाके में प्रकल्प शुरू करने के लिए 31 मार्च तक की समय सीमा दी जाती है। उसके बाद जो प्रकल्प शुरू नहीं करेंगे, उन पर आगामी काल में ऐसे प्रोपर्टियों पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। 

सहूलियत लेनेवाले प्रोपर्टियों में कचरा प्रकल्प बंद अवस्था में है। इस वजह से घनकचरा विभाग की ओर से ऐसे सोसायटियों को नोटिसें भेज दी थी। नोटिसों के बावजूद भी इन लोगों ने प्रकल्प नहीं शुरू किया हैं। इस वजह से अब इन पर कार्रवाई करना शुरू किया गया है। करीब 3081 प्रोपर्टियों की टैक्स की सहूलियत रद्द की है। अपने इलाके में प्रकल्प शुरू करने के लिए 31 मार्च तक की समय सीमा दी जाती है। उसके बाद जो प्रकल्प शुरू नहीं करेंगे, उन पर आगामी काल में ऐसे प्रोपर्टियों पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

- डॉ. कुणाल खेमनार, अतिरिक्त आयुक्त