Policeman hit couple with vehicle, case registered

    Loading

    पुणे. भाजपा मुंबई के अध्यक्ष (BJP Mumbai President), विधायक और उद्योगपति मंगलप्रभात लोढ़ा (Mangalprabhat lodha) और उनके बेटे के खिलाफ पुणे (Pune) की चतु़श्रृंगी पुलिस ने जबरन वसूली और धोखाधड़ी (Fraud) के आरोप में मामला दर्ज किया है। इस मामले में ज्वाला रियल एस्टेट प्रा. लिमिटेड माइक्रोटेक डेवलपर्स के मालिक मंगलप्रभात लोढ़ा, उनके बेटे अभिषेक लोढ़ा और सुरेंद्रन नायर के खिलाफ फिरौती, धोखाधड़ी और धमकी देने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ 53 वर्षीय महिला ने शिकायत दर्ज कराई है।

    पुलिस के मुताबिक, शिकायतकर्ता पेशे से एक वकील है जो चतु़श्रृंगी पुलिस की सीमा में रहती है। वह मुंबई में एक फ्लैट लेना चाहती थी। उन्होंने एक परिचित के माध्यम से मुंबई के वर्ली इलाके में लोढ़ा पार्क में हाउसिंग प्रोजेक्ट मार्किंग में एक फ्लैट खरीदना तय किया था। लोढ़ा का कार्यालय मुंबई के महालक्ष्मी क्षेत्र में अपोलो मिल परिसर में है। शिकायतकर्ता महिला को बेचे जाने वाले हाउसिंग प्रोजेक्ट में फ्लैट की कीमत 5 करोड़ 59 लाख 27 हजार रुपये तय की गई थी। 2013 के बाद शिकायतकर्ता ने समय-समय पर लोढ़ा को 3 करोड़ 92 लाख रुपये का भुगतान किया। हालांकि महिला को पिछले नौ सालों में फ्लैट पर कब्जा नहीं मिला है। इसलिए महिला ने फ्लैट खरीद लेन-देन को रद्द करने का फैसला किया।

    नहीं मिला फ्लैट

    शिकायतकर्ता महिला ने सौदा रद्द कर अपने पैसे वापस मांगे तब लोढ़ा और नायर ने धमकी दी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि फ्लैट की कीमत बढ़ने से आरोपियों ने उनसे 4 करोड़ 15 लाख 15 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि का भुगतान करने को कहा था। ऐसा नहीं करने पर फ्लैट की खरीद के अनुबंध को रद्द कर दिया जाएगा और पहले भुगतान की गई राशि को भी जब्त कर लिया जाएगा। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि लोढ़ा ने मुझे आज तक फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया है और मुझे धमकी देकर फिरौती की मांग की गई। महिला ने शिवाजीनगर सत्र न्यायालय में इस बारे में एक मुकदमा दायर किया था और इस संबंध में मामला दर्ज करने की मांग की थी। न्यायालय के आदेश के बाद अपराध दर्ज किया गया है। 

    कंपनी ने कुछ भी गलत नहीं किया

    उधर, लोढ़ा कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता एक डिफॉल्टर हैं और इसने पिछले कई सालों से अपने बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है। रेरा के अनुसार, लागू ब्याज को अदा करने से भी उसने इंकार कर दिया है। हमने 12 महीने पहले डिफाल्टर एवं कैंसल के कारण रेरा में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया है। शिकायतकर्ता ने भी पिछले साल, पुलिस स्टेशन में यही मामला दर्ज कराया था और पुलिस को जब शिकायतकर्ता के पास इन बेबुनियाद दावों के सबूतों के अभाव में इस मामले को बंद कर दिया। इससे यह साबित हो गया कि कंपनी ने कुछ भी गलत नहीं किया है। ऐसा लगता है कि उसने इस नए सिरे को पाने के लिए कथित जानकारी का खुलासा नहीं किया है और कहता है कि पुलिस ने मामले पर नहीं विचार किया। हम इस अवैध रूप से प्राप्त एफआईआर के खिलाफ जल्द ही अपील करेंगे।