पुणे रेल मंडल में श्रमदान से हुई साफ सफाई व पौधारोपण

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पुणे. भारतीय रेल द्वारा अपने सभी परिसरों, स्टेशनों, ट्रेनों, कार्यालयों, कॉलोनियों, कारखानों, मेंटेनेंस डिपो, अस्पताल आदि पर स्वच्छता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 16 से 30 सितंबर तक स्वच्छता पखवाड़ा 2020 मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में पुणे मंडल पर भी विभिन्न स्टेशनों, कार्यालयों, डिपो में स्वच्छता पखवाड़े की भव्य शुरुआत हुई. मंडल रेल प्रबंधक श्रीमती रेणु शर्मा ने वेब लिंक से रेल अधिकारियों, कर्मचारियों को स्वच्छता संबंधी शपथ दिलाकर इस कार्यक्रम की शुरुआत की. पखवाड़े पहले दिन श्रमदान व रेल मंडल परिसर में विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण किया गया.

सक्रीयता से काम करना जरूरी

श्रीमती शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि पुणे डिवीजन स्वच्छता के प्रति सदैव सजगता से काम करता रहा है. इस अभियान के दौरान रेल परिसर, स्टेशनों तथा कार्यालयों , ट्रेनों आदि में व्यापक साफ सफाई के लिए सभी को और भी विशेष ध्यान देकर सक्रियता से काम करने की जरूरत है. उन्होंने घोरपडी कोच मेंटेनेंस काम्प्लेक्स के सफाई कार्यों का निरीक्षण किया एवं वहां पर उपस्थित कर्मचारियों को स्वच्छता शपथ दिलायी.

रेल परिवार के सदस्यों ने लिया बढ़ चढ़ कर हिस्सा

पुणे रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज झंवर ने बताया कि, स्वच्छता पखवाड़ा का संयोजन अपर मंडल रेल प्रबंधक सहर्ष बाजपेई के नेतृत्व में वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर विजय सिंह दड़स के समन्वय से सभी विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों के समन्वित प्रयासों से किया जा रहा है. स्वच्छता पखवाड़े के पहले दिन पुणे, कोल्हापुर, मिरज, सांगली, सातारा, उरूली, सहित सभी स्टेशनों पर श्रमदान के साथ ही पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधारोपण कार्यक्रम भी आयोजित किए गए जिसमें रेल परिवार के सदस्यों ने बड़ी संख्या में पौधरोपण कर इसकी शानदार शुरूआत की. मिरज स्टेशन पर रेल कर्मचारियों तथा सफाई कर्मचारियों द्वारा स्वच्छता जागरूकता रैली निकाली गई.

पखवाड़े के दौरान होनेवाली गतिविधियां

मनोज झंवर ने बताया कि, इस अभियान के दौरान स्वच्छ जागरूकता , स्वच्छ समन्वय, स्वच्छ स्टेशन, स्वच्छ रेल गाडी (ट्रेनें), स्वच्छ परिसर , स्वच्छ आहार (खाद्य पदार्थ), स्वच्छ नीर (पेयजल) जैसी विभिन्न गतिविधियों का संचालन हाेगा. स्वच्छ प्रसाधन (शौचालय) और स्वच्छ प्रतियोगिता (प्रतियोगिता) आदि इन गतिविधियों में रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ विभिन्न गैर सरकारी संगठन, सामाजिक संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल होंगे.