दृष्टिहीनों का दर्द समझने मंच पर ‘गांधारी’ बनकर पहुंचे पुलिस आयुक्त

  • विश्व दृष्टिहीन दिवस पर 'चलो किसी का सहारा बनें' विशेष कार्यक्रम

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पिंपरी. विश्व दृष्टिहीन दिवस पर समाज के वंचित उपेक्षित घटकों को मुख्य धारा में लाने के लिए पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय में गुरुवार को ‘चलो किसी का सहारा बनें’ नामक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में दृष्टिहीनों की व्यथा, उनकी वेदना, उनकी जरूरत को समझने के लिए पुलिस आयुक्त कृष्णप्रकाश ने खुद की आंखों पर काली पट्टी बांधी और छड़ी के सहारे कार्यक्रम के मंच पर पहुंचे. यही नहीं उन्होंने अपने विशिष्ट अंदाज में दृष्टिहीनों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी.

यहां उन्होंने अपने संबोधन में कहा, दृष्टिहीनों की व्यथा, वेदना और जरूरतों का विचार कर उनके लिए सहानुभूति नहीं बल्कि सहयोग मायने रखता है. अंतर्मन को जागृत कर जीवन में सफलता के शिखर को हासिल किया जा सकता है, यह संदेश भी उन्होंने दिया. इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन प्रेरणा असोसिएशन फॉर दि ब्लाईंड व जितो पिंपरी चिंचवड़ की ओर से किया गया था. इसमें पुलिस आयुक्त के हाथों अंधेरे से उज्ज्वल भविष्य का सपना देखने वाले दृष्टिहीनों को सफेद छड़ी का वितरण किया गया.

इस कार्यक्रम में आधुनिक तकनीक व ज्ञान के इस्तेमाल से दृष्टिहीन व्यक्ति अपना वजूद किस तरह से बनाये हुए हैं, इसका प्रस्तुतिकरण दिया गया. दृष्टिहीन शिक्षक और प्रशिक्षक सतीश नवले ने ऑनलाइन संवाद साधते हुए पुलिस आयुक्त को दृष्टिहीनों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार आदि कार्यक्रमों की जानकारी दी. इस अवसर पर प्रेरणा परिवार के अध्यक्ष पराग कुंकुलोल, जितो के अध्यक्ष संतोष धोका समेत संस्था के अन्य सहयोगी और दृष्टिहीन विद्यार्थी उपस्थित थे. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में दृष्टिहीन विद्यार्थी संतोष राऊत, तृप्ति कर्णावट, पूनम बंब, सुस्मिता कन्हेरी, नेमीचंद ठोले, विश्वास काशीद, अर्चना चोरडिया, सचिन साकोरे, उमेश भंडारी, मनीष ओस्तवाल ने योगदान दिया.