पिंपरी. अशुद्ध, अपर्याप्त और अनियमित जलापूर्ति की बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर पिंपरी-चिंचवड़ के उपमहापौर तुषार हिंगे की अगुवाई में जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी. इसमें विभाग प्रमुख और मनपा के सह शहर अभियंता रामदास तांबे उपमहापौर समेत जनप्रतिनिधियों के सवालों के जवाब न दे सके. अगली बैठक में जानकारी लेकर जवाब देने का प्रशासकीय स्पष्टीकरण दिए जाने से नाराज होकर उपमहापौर ने अधिकारियों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए बैठक का त्याग कर दिया.
जलापूर्ति संबंधी शिकायतों पर बैठक
खुद सत्तादल के अहम पदाधिकारी पर इस तरह की नौबत आने से मनपा गलियारों में अचरज जताया जा रहा है. महापौर ऊषा उर्फ माई ढोरे की अध्यक्षता में जलापूर्ति संबन्धी शिकायतों के निवारण के लिए यह बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में उपमहापौर तुषार हिंगे, स्थायी समिति सभापति संतोष लोंढे, सभागृह नेता नामदेव ढाके, मनसे के गुटनेता सचिन चिखले, निर्दलीय मोर्चा के गुटनेता कैलास बारणे, नगरसदस्य अभिषेक बारणे, तुषार कामठे, अतिरिक्त आयुक्त अजित पवार, जलापूर्ति विभाग के सहशहर अभियंता रामदास तांबे समेत अन्य आला अधिकारी शामिल थे.
कुछ हिस्सों में जलापूर्ति बाधित
पिंपरी-चिंचवड़ के कुछ हिस्सों में पिछले 6 महीने से जलापूर्ति बाधित है. निगड़ी सेक्टर 23 में जलशुद्धिकरण संयंत्र को क्लोरीनयुक्त पानी की आपूर्ति करने का अनुबंध समाप्त हो गया है. परिणामस्वरूप, पिछले 6 महीनों से कुछ क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति बाधित हुई है. अशुद्ध पानी की आपूर्ति शहर में गैस्ट्रो एंटेराइटिस, डायरिया और उल्टी का कारण बना. इन बीमारियों का खामियाजा अनावश्यक नागरिकों को उठाना पड़ा. इस बारे में दो महीने पहले पूछे जाने पर, जल आपूर्ति विभाग के सह शहर अभियंता रामदास तांबे ने शहरवासियों को पानी गर्म कर पीने की सलाह दी. बैठक में जब ताम्बे से उपमहापौर तुषार हिंगे ने सवाल उठाए, तो वह जवाब नहीं दे सके. इस पर नाराज होकर हिंगे ने सार्वजनिक रूप से ताम्बे और प्रशासन के कुप्रबंधन की निंदा की और बैठक से उठकर चले गए.
तीन दिन में जवाब देने को कहा
जब महापौर माई ढोरे से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया कि इस विषय पर बैठक नहीं हुई थी. हालांकि बाद में उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि रामदास ताम्बे से कुछ सवाल पूछे गए हैं और उन्हें जवाब देने के लिए दो से तीन दिनों की मियाद दी गई है. वह संबंधित सवालों का तुरंत जवाब नहीं दे सकते थे. जब उनसे पूछा गया कि शहर नागरिकों को रोजाना पानी की आपूर्ति कब से होगी? क्योंकि शहर को जलापूर्ति करनेवाला पवना डैम का जलसंचय शत प्रतिशत हो गया है. तो उन्होंने बोलने से इनकार कर दिया. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि अगली बैठक में जो भी निर्णय लिया जाएगा उस पर अमल किया जाएगा. इस तरह की भूमिका लेने से, महापौर का एक तरह से सह शहर अभियंता ताम्बे को संरक्षण नजर आया है.