श्रमिक और किसान विरोधी विधेयकों के खिलाफ कांग्रेस का हस्ताक्षर अभियान

Loading

पिंपरी. श्रमिकों और किसानों के लिए अहितकारी साबित होनेवाले केंद्र सरकार के विधेयकों के खिलाफ कांग्रेस की पिंपरी-चिंचवड शहर इकाई और युवक कांग्रेस की चिंचवड़ विधानसभा क्षेत्र इकाई की ओर से शुक्रवार को सांगवी में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. इस हस्ताक्षर अभियान के तहत दोनों विधेयकों को जुल्मी कानून बताकर उन्हें रद्द करने की मांग करनेवाले ज्ञापन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री, श्रम मंत्री और कृषि मंत्री को भेजे जाएंगे. इसकी जानकारी कांग्रेस पार्टी के शहराध्यक्ष सचिन साठे ने दी.

प्रमुख पदाधिकारी शामिल

इस अभियान में युवक कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मयूर जयस्वाल, सेवादल के शहराध्यक्ष मकरध्वज यादव, अल्पसंख्यक सेल के शहराध्यक्ष शहाबुद्दीन शेख, युवक कांग्रेस के संदेश बोर्डे, तुषार पाटील, कबिर मोहम्मद, कुंदन कसबे, विशाल कसबे, रणजीत तिवारी, गौरव चौधरी, विरेंद्र गायकवाड, पांडूरंग जगताप, बाजीराव आल्हाट, रोहित शेलके, वैभव किरवे, शेषराव कसबे, सनी कसबे, बब्रूवाहन वाघ, बंडूपंत शेलके, बालासाहेब शितोले, राजू खुडे, वासूदेव मालतूनकर, कैलास येडके आदि शामिल थे.

केंद्र सरकार की गलत नीतियों का परिणाम

भाजपा के नेतृत्ववाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के पिछले 6 वर्षों के कार्यकाल के दौरान देश में 3 लाख 80 हजार कंपनियां बंद हो गईं. इसमें महाराष्ट्र की एक लाख 47 हजार कंपनियां शामिल हैं. परिणामस्वरूप देशभर में 10 हजार करोड़ श्रमिक बेरोजगार हो गए. यह केंद्र सरकार की गलत नीति का परिणाम है. परिणामस्वरूप, देश भर में औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों में अवसाद फैल गया है. उद्योग और व्यवसाय को बढ़ावा देकर बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए. इस तरह की नीति को लागू करने के बजाय, इस सरकार ने अत्याचारी कानून पारित किया जिसने उद्योगपतियों और पूंजीपतियों का समर्थन किया और देश में सभी संगठित और असंगठित श्रमिकों की सामाजिक सेवा सुरक्षा को समाप्त कर दिया, यह आरोप सचिन साठे ने लगाया है.