पिंपरी. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने कई परिवार में बच्चों के सिर से माता-पिता का साया छीन लिया है। इसकी चपेट में आकर किसी ने अपने पिता (Father) को खो दिया तो किसी ने अपनी मां (Mother) को, तो किसी ने दोनों को। आंकड़ों की मानें तो सिर्फ पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) में 87 बच्चे जिनके माता या पिता की मृत्यु कोरोना के कारण हुई, वे अनाथ हो गए हैं। एक मासूम के माता-पिता दोनों ही नहीं बचे हैं और वह अनाथ हो गया है।
कोरोना की चपेट में कई परिवार ऐसे आए हैं, जिनमें घर का कर्ता पुरुष दुनिया छोड़कर चले गए हैं। चूंकि इन बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं है, इसलिए उनके शोषण, बाल श्रम, बाल भीख मांगने या मानव तस्करी के शिकार होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने भी टास्क फोर्स के गठन का निर्देश दिया था।
टास्क फोर्स का गठन
ऐसे लापता बच्चों की तलाश के लिए पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका ने चाइल्ड केयर स्कीम के तहत 18 मई को टास्क फोर्स का गठन किया। यह टास्क फोर्स कोरोना से मरने वाले व्यक्ति की उम्र के आधार पर शून्य से 18 साल के बीच के बच्चों का सर्वे कर रही है।
हेल्पलाइन नंबर पर करें फोन
इस सर्वे में शहर के ऐसे बच्चों की तलाश की जा रही है, जिनके मां-बाप कोरोना का शिकार हुए हो। मरने वाले दोनों माता-पिता के बच्चों की मदद के लिए मनपा का हेल्पलाइन नंबर 88880066666 है। अभिभावकों के बच्चों की जानकारी लेने के साथ ही उन बच्चों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की जरूरत है। इसकी जानकारी सरकार को भी भेजी जा रही है। टास्क फोर्स की तीन सदस्यीय समिति ने बताया कि मंगलवार दोपहर तक मिली जानकारी के अनुसार 87 बच्चे अनाथ हो चुके हैं और एक बच्चा ऐसा मिला है जिसके माता-पिता दोनों की मौत हो गई है। मनपा के अतिरिक्त आयुक्त उल्हास जगताप ने अपील की है कि इन अनाथ बच्चों को कोई भी परस्पर दत्तक न लें या दें। ऐसे बच्चों की जानकारी मनपा के टास्क फोर्स को दें या मनपा के हेल्पलाइन नंबर 888806666 पर संपर्क करें।