- पुणेकरों को रहना पड़ेगा सावधान
पुणे. कोरोना ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है. भारत में अब तक 1 लाख से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है. पुणे जिले में कोरोना रोगियों की संख्या सबसे अधिक है. उसके बाद पुणे के लिए एक नए खतरे की चेतावनी दी गई है. पुणे में कोरोना का निरीक्षण करने के लिए केंद्र सरकार के दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने दिसंबर-जनवरी में कोरोना की दूसरी लहर की आशंका व्यक्त की है. इसलिए अब इसे पुणे के लिए एक नई खतरे की घंटी माना जा रहा है.
केंद्रीय टीम 4 दिनों से दौरे पर
केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने महानगरपालिका द्वारा की गई योजना का भी निरीक्षण किया. इनमें पालिका द्वारा स्थापित बुनियादी ढांचा, अस्पताल में सुधार, बेड्स की योजना और कोरोना रोगियों के उचित उपचार के लिए लागू किए गए उपाय शामिल हैं. प्रतिनिधिमंडल इस सबसे संतुष्ट है. पिछले कुछ दिनों से पुणे में बड़ी संख्या में रोगी पाए गए हैं. लेकिन अब इन मरीजों की संख्या प्रतिदिन 2,000 से घटकर 700 हो गई है. इसलिए उन्होंने यह भी देखा कि पुणे नगर निगम केंद्र सरकार द्वारा दिए गए मानकों के अनुसार काम कर रहा है. डॉ अरविंद कुशवाहा और डॉ. बनर्जी ने पिछले 4 दिनों में पुणे के विभिन्न कोविड़ केंद्रों का दौरा किया. इसमें उन्होंने विभिन्न उपायों के बारे में जानकारी ली, अवलोकन और अध्ययन किया. इस दौरे के दौरान उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए. उन्होंने जांच की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया.उन्होंने पुणे के जंबो अस्पताल और अन्य कोविड़ केंद्रों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में उपलब्ध उपचार के बारे में जाना. उन्होंने एनएमसी को नागरिकों के साथ बातचीत करके रुग्णता और मृत्यु दर को कम करने का भी निर्देश दिया.
महापालिका की अच्छी तैयारी : डॉ. संजीव वावरे
महापालिका के सहायक स्वास्थ्य प्रमुख डॉ. वावरे ने कहा कि केंद्रीय दल 7 अक्टूबर के बाद से शहर में था. उन्होंने कैंटोनमेंट क्षेत्र, अस्पताल का निरीक्षण किया है. यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं. रुग्ण सर्वेक्षण को यथासंभव सामान्य सर्वेक्षण के साथ-साथ किया जाना चाहिए. उस पर ज्यादा फोकस करें, ऐसा भी कहा है. डॉ वावरे के अनुसार जैसे ही लक्षण दिखाई देते हैं, उनकी जांच की जानी चाहिए. शायद दिसंबर के अंत या जनवरी में एक और लहर आएगी जिसके तहत मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना है. यदि रोगियों की संख्या बढ़ जाती है, तो महानगरपालिका को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड तैयार करने की आवश्यकता होती है. ऐसे निर्देश दिए गए है. उस दृष्टिकोण से ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड तैयार हैं. दूसरी लहर के बावजूद महानगरपालिका पूरी तरह से तैयार है. ऐसा वावरे ने कहा.
शायद दिसंबर के अंत या जनवरी में एक और लहर आएगी जिसके तहत मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना है. केंद्रीय टीम ने यह आशंका जताई है. क्योंकि कोरोना का यह गुणधर्म है, ऐसा टीम का मानना है. यदि रोगियों की संख्या बढ़ जाती है, तो महानगरपालिका को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड तैयार करने की आवश्यकता होती है. उसके लिए हम पूरी तरह से तैयार है. – संजीव वावरे, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी