देश को स्कूल पोषण शिक्षा की जरूरत

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पुणे. एक ओर देश विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है, तो वहीं गढ़चिरौली, यवतमाल और देश के विभिन्न हिस्सों में गरीबी के कारण बच्चे पौष्टिक भोजन की कमी के कारण कुपोषित हो रहे हैं. जबकि दूसरी ओर अधिक वजन के कारण बच्चे मोटापे का शिकार हो रहें हैं. आईआईएम जम्मू के अध्यक्ष और दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के संस्थापक अध्यक्ष मिलिद कांबले ने कहा कि भारत को आज स्कूल पोषण की आवश्यकता है. वह  पोषण शिक्षा प्रथाओं और पोषण चक्रों पर एक वेबसाइट के उद्घाटन पर बोल रहे थे. 

सही उम्र में मिले शिक्षा 

काम्बले ने कहा कि कि बच्चों में पोषण प्राप्त करने की क्षमता अधिक होती है. इसलिए इस उम्र में पोषण के साथ अध्ययन में भाग लेना उनके लिए फायदेमंद होगा. कांबले ने कहा कि पोषण देश के सभी स्कूलों में अध्ययन का विषय होना चाहिए.

पोषण चक्र पर गहन शोध

संस्थान की निदेशक गौरी शिंगोटे ने कहा कि जुवेनेट वेलबिंग ने पोषण और इस पर आधारित पोषण चक्र पर गहन शोध किया है. इसके आधार पर एक शिक्षण पद्धति विकसित की है. आहार विशेषज्ञ डॉ. प्राची बोरा ने प्रत्येक व्यक्ति को पोषण के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय परंपरा में पोषण महत्वपूर्ण था. राहुल कांबले, जॉर्ज मकसरे और जुवेनेट वेलबिग के शांति कृष्णन इस अवसर पर उपस्थित थे.