बस में Covid-19 की जांच का मामला: प्रति मरीज 400 रुपए की लागत

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– स्थायी समिति ने दी मंजूरी  

पुणे. शहर में कोरोना महामारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसे रोकने के लिए महापालिका की ओर से युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे है. इस बीच अब मनपा द्वारा कोरोना की जांच बस के माध्यम से की जा रही है. उसके लिए वातानुकूलित स्क्रीनिंग लैब बस बनाई है. उसका उद्घाटन हाल ही में महापौर मुरलीधर मोहोल के हाथों किया गया था. बस के माध्यम से जांच करने के लिए मनपा को प्रति मरीज 400 रूपए की लागत आएगी. इससे सम्बंधित प्रस्ताव को स्थायी समिति ने मंजूरी दी है.

प्रतिबंधित क्षेत्रों में घर जाकर जांच

पुणे महानगरपालिका व भारत में डायग्नोस्टिक  सेवा आपूर्ति करने में अग्रसर क्रस्ना डायग्नॉस्टिक्स प्रा. लि. संस्था द्वारा यह बस उपलब्ध कराई है. संस्था के साथ मनपा ने 1 साल का करार किया है. इसके माध्यम से  विषाणु (Covid-19) विषाणु के स्वाब संकलन व मोबाइल एक्स-रे , रक्त जांच, रक्तदाब व तापमान की जांच की जाएगी. शहर के प्रतिबंधित क्षेत्रों में घर-घर जाकर जांच की जा रही है. इससे कोरोना प्रकोप पर लगाम कसने के लिए प्रयास किया जायेगा.

पहले से दी जा रही थी डाइग्नोस्टिक सुविधा

ज्ञात हो कि मनपा प्रशासन द्वारा 2018 साल में इसी संस्था के माध्यम से पैथोलॉजी लैब बनाई है. इसके माध्यम से कम दामों में डाइग्नोस्टिक सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. शहर के नागरिक, गर्भवती महिला, मनपा व पीएमपी कर्मियों को यह सुविधा उपलब्ध की जाती है. उसके बाद इसी संस्था ने बस के माध्यम कोरोना जांच करने का प्रस्ताव रखा था. जिसके लिए प्रति मरीज के लिए 400 रूपए का कोटेशन दिया था. उसके अनुसार यह खर्चा सीएसआर के फंड से किया जाएगा. उससे नहीं उपलब्ध हुआ तो स्पेशल केस के तौर पर खर्चा अदा किया जाएगा. इससे संबंधित प्रस्ताव को हाल ही में स्थायी समिति ने मंजूरी दी है.