गणेशोत्सव नियोजन बैठक में जमा हुई भीड़

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पुणे.  इस साल गणेश उत्सव पर कोरोना का संकट छाया हुआ है. इस साल का गणेशोत्सव किस तरह से मनाया जाए इसको लेकर नगरसेवक, पुलिस, गणेश मंडल के पदाधिकारी और मनपा अधिकारियों के साथ गुरुवार को बैठक आयोजित की थी. यह बैठक महापौर के अध्यक्षता में हुई. इस बीच कोरोना संकट को देखकर राज्य सरकार द्वारा निर्देश दिए गए थे कि मनपा की सभी सभा और बैठक वीडियो कांफ्रेसिंग द्वारा ली जाए, लेकिन इस निर्देश की धज्जियां महापौर और प्रशासन ने उड़ाई क्योंकि बड़ी तादाद में लोग इस बैठक के लिए जमा हुए थे. जिसमें नियम का पालन नहीं किया जा सकता था. महापालिका के इस कामकाज की अब आलोचना की जा रही है.

 पुलिस, मंडल कार्यकर्ताओ के साथ ली बैठक

ज्ञात हो कि गणेशोत्सव के कालाविध में शहर में सड़कों पर गणेश मंडलों द्वारा बड़े पैमाने पर पंडाल लगाए जाते है. उसके लिए महापालिका की ओर से अनुमति दी जाती है, लेकिन विगत कई सालों से देखने को मिल रहा है कि मंडल ये पंडाल अवैध तरीके से लगा रहे हैं. इससे यातायात में दिक्कतें आ रही है. इस वजह से महापालिका प्रशासन की कोर्ट द्वारा आलोचना की जा रही है. साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि इससे संबंधित अधिकारियों पर अब कार्रवाई होनी चाहिए. इस वजह से विगत् साल से महापालिका प्रशासन की ओर से ऐसे अवैध पंडाल पर कार्रवाई करने के लिए एक मुहिम हाथ में ली गयी थी. उसके अनुसार विगत साल लगभग 2013 गणेश मंडलों को पंडाल बनाने अनुमतियां दी थी. 

मंडलों को नई अनुमति की जरुरत नहीं रहेगी

इस बीच, इससे पहले प्रशासन की एक बैठक हुई. इसमें पंडाल अनुमति और नियमों को लेकर चर्चा की गई. साथ ही विगत साल की अनुमतियां आगे जारी रखने का फैसला लिया गया. मंडलों को नई अनुमति की जरुरत नहीं रहेगी. मंडलों को सिर्फ व्हाट्स एप पर आवेदन करना पड़ेगा. ऐसी जानकारी मनपा सुत्रों द्वारा दी गई, लेकिन ज्यादा स्टॉल लगाने अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके  अनुसार अब इस साल का गणेशोत्सव किस तरह से मनाया जाए इसको लेकर नगरसेवक, पुलिस, गणेश मंडल के पदाधिकारी और मनपा अधिकारियों के साथ गुरुवार को बैठक ली गई.

सरकार द्वारा दिए थे निर्देश

इस बीच, कोरोना संकट को देखकर राज्य सरकार द्वारा निर्देश दिए गए थे कि मनपा की सभी सभा और बैठक वीडियो कांफ्रेसिंग द्वारा ली जाए, लेकिन इस निर्देश की धज्जियां महापौर और प्रशासन ने उड़ाई क्योंकि बड़ी तादाद में लोग इस बैठक के लिए जमा हुए थे. जिसमें नियम का पालन नहीं किया जा सकता था. मनपा के पुराने सभागृह में यह बैठक आयोजित की थी, लेकिन यहा पर काफी भीड़ जमा हो गई थी. महापालिका के इस कामकाज की अब आलोचना की जा रही है.