सांस्कृतिक कर्मियों की कोरोना काम से मुक्ति

  • नाट्यगृह चलाने में होगी आसानी
  • कर्मचारियों की कमी की वजह से हो रही थी मुश्किल

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पुणे. कोरोना के चलते बंद पड़े शहर के सिनेमाघरों व नाट्यगृहों को कई महीने बाद शुरू करने का निर्णय महापालिका ने लिया था। पर इसके बावजूद, यह बात सामने आई है कि नाट्यगृहों के लिए निर्धारित नियमों को लागू करने के लिए कोई कर्मचारी नहीं थे।

उल्लेखनीय है कि थिएटर के कर्मचारी थे, जिन्हें कोविड काम के लिए रखा गया था, चूंकि उन्हें अभी तक उस नौकरी से मुक्त नहीं किया गया था। इसलिए महानगरपालिका के सांस्कृतिक विभाग ने सभी फील्ड कार्यालयों से कर्मचारियों और सुरक्षा उपकरणों की मांग की थी। इसके अनुसार अब सांस्कृतिक विभाग के कर्मियों को कोरोना काम से मुक्त कराया गया है। हाल ही में महापालिका अतिरिक्त आयुक्त रूबल अग्रवाल द्वारा यह निर्देश जारी किए गए हैं।

आयुक्त ने जारी किए थे निर्देश

थिएटर शुरू करने के आदेश जारी होने के ठीक चार दिन बाद  दिवाली के लिए आदेश जारी करते हुए मनपा आयुक्त ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सामुदायिक कार्यक्रमों और समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया था। थिएटरों को अगले आदेश तक प्रतिबन्ध  कर दिया गया था। राज्य सरकार ने कई महीने बाद सिनेमाघरों को शुरू करने की मंजूरी दी। शहर में लगभग 14 महानगरपालिका थिएटर हैं। कोरोना नियंत्रण कार्य के लिए नगरपालिका द्वारा कोविड साइट पर अधिकांश कर्मचारी भेजे गए थे।  इसलिए सिनेमाघरों के चालू होने के बाद भी इन कर्मचारियों की ताजपोशी रद्द नहीं हुई थी। इसलिए, यह पता चला था कि नाट्यगृहो  में आवश्यक कर्मचारी नहीं हैं।

क्षेत्रीय कार्यालय से की थी मांग

 इस बीच महापालिका रंगमंच प्रबंधकों ने सभी फील्ड यानी क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए कर्मचारियों की मांग की थी। साथ ही, थर्मल मशीन, सैनिटाइज़र, ऑक्सीजन मीटर, स्प्रे मशीन नाट्यगृहो  के लिए मांग की गई थी।  इसके अनुसार अब सांस्कृतिक विभाग के कर्मियों को कोरोना काम से मुक्त कराया गया है। हाल ही में महापालिका अतिरिक्त आयुक्त रूबल अग्रवाल द्वारा यह निर्देश जारी किए गए हैं। इससे अब महापालिका सांस्कृतिक विभाग को नाट्यगृह चलाने में आसानी होगी।