बढ़ती जा रही कोरोना से मृतकों की संख्या, मनपा स्मशानभूमि में स्थापित किए गए 8 मार्चरी

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पुणे. शहर में कोरोना संक्रमण से लोगों की मृत्यु होने की संख्या बढ़ गई है. कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार करने में भी देरी हो रही है. इसलिए कैलाश स्मशानभूमि में 6 और येरवडा स्थित स्मशानभूमि में 2 ऐसी 8 मार्चरी स्थापित की गई हैं. इन मार्चरी का टेस्टिंग किया गया है. इससे हॉस्पिटलों की जगह भी खाली हो जाएगी तथा रिश्तेदारों को इंतजार भी करना नहीं पडे़गा. यह जानकारी मनपा प्रशासन की ओर से दी गई है.

लॉकडाउन में शिथिलता से बढ़ी मरीजों की संख्या 

लॉकडाउन शिथिल करने के बाद कोरोना का संक्रमण बडे़ पैमाने पर शहर के विभिन्न हिस्सों में बढ़ रहा है. शुरुआती समय में शहर में हर रोज 5 से 7 कोरोना संक्रमितों की मौत हो रही थी, लेकिन शहर में संक्रमण बढ़ने के बाद हर रोज मृत्यु का प्रमाण भी बढ़ गया. पेशेंटों की मौत होने के बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज की प्रक्रिया पूरी की जाती है. लेकिन विद्युत दाहिनी में वेटिंग और एम्बुलेंस की उपलब्धता के कारण कई घंटे तक शव को हॉस्पिटल में ही रखना पड़ता था. जिससे मृतकों के रिश्तेदारों को भी इंतजार करना पडता था. कई बार शव लेकर आयी एम्बुलेंस को ही कतार में खड़ा रहना पडता था. 

मार्चरीज की टेस्टिंग की गई 

मनपा के विद्युत विभाग के प्रमुख श्रीनिवास कंदूल ने बताया कि इंतजार करने के मद्देनजर मनपा की ओर से कैलाश श्मशानभूमि में 6 और येरवडा श्मशानभूमि में दो इस प्रकार कुल 8 मार्चरी स्थापित की गई हैं. 4 डिग्री सेल्सियस उसका तापमान होगा. इन मार्चरीज की टेस्टिंग की गई है. माइनस 4 और प्लस 4 डिग्री सेल्सियस तापमान पर मार्चरीज कार्यंन्वित रह सकती हैं.

 एक शव दहन प्रक्रिया में एक घंटे का समय

एक शव की दहन प्रक्रिया के लिए करीब एक घंटा समय लगता है. 15 मिनट एक शव मार्चरी से बाहर रखा जाएगा बाद में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. येरवडा और कैलाश श्मशानभूमि की एक-एक विद्युत दाहिनी अब तक कोविड संक्रमित मृतकों के लिए रखी गई थी. लेकिन अब यहां की दोनों विद्युत दाहिनियों में कोविड मृतकों के शवों का दहन किया जाएगा.