मृत कर्मियों के वारिसों को तत्काल 50 लाख की वित्तीय सहायता देने की मांग

  • महामारी की चपेट में आए मनपा के 18 कोरोना योद्धा
  • कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन

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पिंपरी. महामारी कोरोना की रोकथाम के लिए फ्रंट लाइन में जुटे पिंपरी-चिंचवड मनपा के अब तक 18 कर्मचारी महामारी की चपेट में आये हैं. मनपा कमिश्नर श्रावण हर्डीकर ने कोरोना से मृत्यु हुए मनपा कर्मचारियों को मनपा की ओर से 50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की थी.

इसके अलावा केंद्र सरकार ने भी कोरोना योद्धाओं को 50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है. हालांकि मनपा के 18 कोरोना योद्धाओं के वारिसों को अब तक कोई वित्तीय सहायता नहीं मिल सकी है. इस ओर प्रशासन का ध्यानाकर्षित करते हुए भाजपा के श्रमिक मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को सभागृह नेता नामदेव ढाके और मनपा आयुक्त से मिलकर मृत कर्मचारियों के वारिसों को तत्काल वित्तीय सहायता देने की मांग की है.  

अब तक नहीं मिला पैसा

भाजपा श्रमिक मोर्चा के शहराध्यक्ष प्रकाश मुगडे के नेतृत्व वाले इस प्रतिनिधि मंडल में भाजपा के श्रमिक मोर्चा के शहराध्यक्ष प्रकाश मुगडे, महासचिव किशोर हातागले, धनाजी नरसिंह, रामचंद्र भोसले, उपाध्यक्ष दादासाहेब वारे, शंकर पाटिल हनुमंत जाधव, सचिव गिरीष क्षीरसागर, खंडाप्पा बिराजदार, प्रमोद कुऱ्हाडे, सुधीर पराले और भाऊसाहेब जाधव आदि शामिल थे. इस प्रतिनिधि सभा ने मनपा कमिश्नर श्रावण हार्डिकर और सभागृह नेता नामदेव ढाके से मिलकर चर्चा की. दोनों ने भी कोरोना से मौत का शिकार हुए मनपा कर्मचारियों के वारिसों को जल्द से जल्द वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया. साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि कोरोना काल सेवारत कर्मचारियों के साथ घर- घर जाकर सर्वेक्षण में जुटे कर्मचारियों और सामाजिक संस्थाओं को भी 50 लाख रुपए के आर्थिक कवच दिया जाएगा.

न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी तीसरे पक्ष के रूप में नियुक्त

कोरोना महामारी का प्रकोप पिंपरी-चिंचवड में व्याप्त रहने के दौरान मनपा के स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के कई कर्मचारी, कोरोना के रोगियों के इलाज, उनको भोजन, नाश्ता, दवा उपलब्ध कराने और उनकी उचित देखभाल में जुटे हैं. इसमें से कई कर्मचारी और अधिकारी महामारी की चपेट में आ गए. इसमें सहायक आयुक्त, चपरासी, ड्राइवर आदि स्टाफ शामिल हैं. शहर के लोगों के स्वास्थ्य और भलाई का ख्याल रखते हुए, इन कर्मचारियों ने अपने या अपने परिवार के बारे में नहीं सोचा. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके वारिसों को अभी तक यह वित्तीय मदद नहीं मिली है. या कोरोना की मृत्यु हो जाने पर इसके लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं. उनके वारिसों को 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करके उनके उत्तराधिकारियों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. केंद्र सरकार ने भी मनपा कर्मचारियों के लिए 50 लाख रुपये की बीमा योजना की घोषणा की है और न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को तीसरे पक्ष के रूप में नियुक्त किया है. इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि केंद्र सरकार से इस बीमा सुरक्षा के लाभ से से वंचित नहीं रहेंगे.