कोरोना के मृत्यु रोकने AFMC को तैनात करें!

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  • कांग्रेस गुटनेता आबा बागुल की सीएम से मांग

पुणे. पुणे में कोरोना के कारण बढ़ती मौत पर अंकुश लगाने के लिए सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) को बुलाओ, ऐसी मांग मनपा के कांग्रेस गुटनेता आबा बागुल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से की है. इस बारे में उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है.

शहर में बढ़ रहा मृत्यु दर

बागुल के अनुसार, कोरोना  शहर में बड़ी संख्या में फैल रहा है. कोरोना के कारण मौतों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. 55 वर्षों से ज्यादा आयु के डॉक्टरों को अस्पताल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसलिए अनुभवी और विशेषज्ञ डॉक्टर ऐसी मुश्किल स्थिति में घर बैठे हैं.  बागुल ने कहा कि चूंकि वर्तमान में शहर में नौसिखिए डॉक्टर हैं. उन्हें आईसीयू, सीसीयू में मरीजों को संभालने का कम अनुभव है और वे उन मरीजों का इलाज करते हैं जो डरे हुए हैं. कोरोना के चलते डॉक्टरों को मरीजों के साथ सीधे संपर्क नहीं होता है. डॉक्टरों की कोई टीम मरीजों की जांच हाथ से नहीं करती. इसलिए पुणे शहर में मृत्यु दर बढ़ रही है.

शहर बना हॉटस्पॉट

बागुल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना शहर में तेजी से फैल रहा है. पुणे देश में कोरोना के लिए नंबर एक हॉटस्पॉट बन गया है. 55 उम्र से अधिकवाले अनुभवी डॉक्टर अपनी मदद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोगी की स्थिति की रोजाना रिपोर्टिंग करके कोरोना रोगियों की निगरानी कर सकेंगे. कोरोना संकट के दौरान रोगियों की मृत्यु को रोकने में इन अनुभवी विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह अमूल्य होगी. बागुल के अनुसार वर्तमान में, डॉक्टर दिन-रात काम कर रहे हैं. अनुभवी डॉक्टरों की मदद से, यह निश्चित है कि पुणे शहर में कोरोना के कारण होने वाली मौतों की संख्या निश्चित रूप से कम हो जाएगी. मार्च में कोरोना नया था, उसके कदम हम नहीं जानते थे. लेकिन, वह स्थिति अब रोगी के किस प्रकार के कोरोना है, इसका निदान और उपचार आसान हो गया है. बागुल के अनुसार नागरिकों को  कोरोना द्वारा मारे जाने का डर है. 

अनुभवी डॉक्टरों की मदद ले

 इन रोगियों के परामर्श में इन डॉक्टरों का अनुभव भी बहुत काम आएगा. अब डॉक्टरों की काउंसलिंग टीम का होना आवश्यक है. इसलिए बागुल ने  एएफएमसी को शहर में तैनात करने की मांग की है. यह भी कहा गया है कि वह कोरोना स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए शहर में तत्काल कार्रवाई करे और संकट को रोकने के लिए 55 साल के अनुभवी डॉक्टरों की मदद ले.