उप महापौर ने अचानक दिया इस्तीफा, सियासी गलियारों में मचा हड़कंप

  • तुषार हिंगे ने महापौर को सौंपा त्यागपत्र
  • 1 माह का रहा कार्यकाल
  • 22 नवंबर 2019 को बने थे उपमहापौर

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पिंपरी. पिंपरी-चिंचवड शहर के मनपा और सियासी गलियारों में बुधवार को तब हड़कंप मच गया जब वर्तमान उप महापौर तुषार हिंगे ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे के पीछे बचे हुए समय में 3 नगरसेवकों को उपमहापौर पद पर मौका देने के फैसले की वजह बताई जा रही है. मगर हिंगे के अचानक इस्तीफे को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के आदेशानुसार शहराध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे के एक फोन पर हिंगे ने महापौर ऊषा ढोरे को अपना इस्तीफा सौंपा.

प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के आदेश पर इस्तीफा

तुषार हिंगे पिंपरी चिंचवड़ मनपा के शाहूनगर, म्हाडा, संभाजीनगर प्रभाग 10 से भाजपा के चुनाव चिन्ह पर पहली बार नगरसेवक चुने गए हैं. उन्हें क्रीड़ा समिति के सभापति की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. क्रीड़ा समिति के सभापति पद पर बने रहने के दौरान ही 22 नवंबर 2019 को उन्हें उपमहापौर बनाया गया. 11 माह के कार्यकाल के बाद आज अचानक उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. भाजपा के शहराध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे ने सभागृह नेता नामदेव ढाके को फोन पर प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के आदेश से अवगत कराया.इसके अनुसार ढाके ने हिंगे को बुलवाकर इस्तीफा देने को कहा.

कार्यालय में जनता दरबार लगाने की परंपरा शुरू की  

उपमहापौर तुषार हिंगे ने जब इस्तीफा देने की वजह पूछी तो उन्हें पार्टी का आदेश रहने की बात कही गई. इसके बाद उन्होंने शहराध्यक्ष महेश लांडगे से संपर्क किया.उन्होंने बचे हुए समय में 3 नगरसेवकों को उपमहापौर पद पर मौका देने के फैसले और प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के आदेश की जानकारी देकर उन्हें इस्तीफा देने को कहा. इसके अनुसार हिंगे ने तत्काल महापौर ऊषा ढोरे के पास जाकर अपना त्यागपत्र सौंप दिया. वजह चाहे जो भी हो हिंगे पर इस तरह से अचानक इस्तीफा देने की आयी नौबत सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है. गौरतलब है कि तुषार हिंगे ने क्रीड़ा समिति को एक नया आयाम देने की कोशिश की. उपमहापौर पद पर रहते उनके कार्यालय में लगनेवाला जनता दरबार दूसरे पदाधिकारी और राजनेताओं को लजानेवाला रहा.