ग्रामीण क्षेत्रों का विकास ही भारत का विकास

  • मनपा का प्रधानमंत्री आवास योजना लॉटरी कार्यक्रम संपन्न

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पुणे. मशहूर नाटक ‘नट सम्राट’ में आम आदमी यही कहता रहता है कि ‘क्या कोई घर देता है?’ हालांकि, नई वास्तविकता यह है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारें और महापालिका अब घरों की पेशकश कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना गरीबों को सशक्त बनाना है. ऐसा प्रतिपादन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया. 

उन्होंने कहा कि यदि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र विकसित होते हैं, तो ‘भारत’ विकसित होगा, अन्यथा केवल शहरी क्षेत्रों में ‘ओएसिस’ विकसित होगी. 

2900 घरों की ऑनलाइन लॉटरी निकाली गई 

महापालिका की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए रियायती घरों की लॉटरी निकाली गई. इस समय, विधान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ.नीलम गोरे (ऑनलाइन), भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, सांसद गिरीश बापट, महापौर मुरलीधर मोहोल, उप महापौर सरस्वती शेंडगे, विधायक मुक्ता तिलक, सुनील कांबले, स्थायी समिति के अध्यक्ष हेमंत रासने, सदन के नेता धीरज घाटे, आयुक्त विक्रम कुमार, अतिरिक्त आयुक्त रूबल अग्रवाल, शांतनु गोयल, डा  कुणाल खेमनार सहित सभी दलों के समूह नेता, नगरसेवक और अधिकारी उपस्थित थे. इस समय, जावड़ेकर द्वारा 2900 घरों की ऑनलाइन लॉटरी निकाली गई.

देश भर में 3 करोड़ घर बनाए गए

दिल्ली से ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल हुए जावड़ेकर ने कहा कि देश भर में तीन करोड़ घर बनाए गए हैं और अन्य 1.5 करोड़ घर निर्माणाधीन हैं. ग्रामीण इलाकों में मकान तेजी से मिल रहे हैं.  बारह करोड़ व्यक्तिगत शौचालय, ढाई करोड़ घरों में बिजली, चार करोड़ घरों में पानी का नल, उज्ज्वला योजना के माध्यम से गैस कनेक्शन, 40 करोड़ लोगों के जन-धन खातों, रुपये तक का मुफ्त चिकित्सा बीमा, ऐसी सुविधा दी गई है. यदि गरीब सक्षम हैं, तो समाज खुश होगा. ऐसा जावड़ेकर ने कहा. 

योजनाओं का कार्यान्वयन जरूरी : पाटिल 

चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए एक लाख से अधिक आवेदन आए थे. इनमें से 38,000 से अधिक पात्र बन गए. आजादी के 75 साल बाद प्रधानमंत्री ने फैसला किया है कि सभी को शौचालय, पक्के मकान और गैस कनेक्शन उपलब्ध होने चाहिए. योजनाओं का कार्यान्वयन आवश्यक है. अन्यथा योजनाएं अप्रभावी हैं. पुणे में बाहरी लोगों का अनुपात अधिक है. अधिकांश नागरिक मराठवाड़ा, मुलशी और अन्य क्षेत्रों से आ चुके हैं. महानगरपालिका ने उन्हें मकान दिलाने का काम किया.  

आम आदमी के घर का सपना सच

सांसद बापट ने कहा कि आम आदमी के घर का सपना आज सच हो रहा है.  प्रधानमंत्री आवास योजना के 2 भाग हैं, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याएं हैं. स्थान उपलब्धता, लाभार्थी पात्रता आदि जैसे मुद्दे हैं. केंद्रीय अनुमान समिति की ग्रामीण आवास योजना पर चर्चा चल रही है और कमियों को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. गरीबों को मकान देने के लिए सभी को अपनी भागीदारी करनी चाहिए. कमिश्नर विक्रम कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2015 में योजना शुरू की. किफायती आवास को लक्षित किया गया था. आज इस योजना के तहत 2,900 घर खाली किए जा रहे हैं. इसके लिए 6,300 आवेदन प्राप्त हुए थे. ड्रा में 50 फीसदी लोगों के नामों की घोषणा की जाएगी. हालांकि भविष्य में शेष 50 प्रतिशत के लिए अधिक योजनाएं लागू की जाएंगी. रूबल अग्रवाल द्वारा परिचयात्मक टिप्पणी की गई. 

प्रधानमंत्री का आम आदमी और गरीबों को किफायती आवास उपलब्ध कराने का सपना सच हो रहा है. इस योजना के तहत घर उपलब्ध कराने वाला पुणे राज्य का पहला शहर बन गया है. हम इस योजना को और गति देने की कोशिश कर रहे हैं. पहले चरण में 2900 घर की लॉटरी निकाली गई हैं.  इसका उद्देश्य निकट भविष्य में बैंकों और निजी बिल्डरों की मदद से पीपीई आधार पर डेढ़ लाख घरों का विकास करना है.  – मुरलीधर मोहोल, महापौर, पुणे