पुणे. भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को हमेशा पारदर्शिता, ईमानदारी, कडी मेहनत, मानवता और प्रगति के लिए उनकी सेवा में शामिल होना चाहिए. साथ ही, प्रशासनिक सेवाओं में शॉर्ट कट का उपयोग कभी नहीं किया जाना चाहिए. यह सलाह केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण के अध्यक्ष और पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एल. नरसिम्हा रेड्डी ने दी.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के एमआयटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट मिटसॉग और केंद्रीय लोक सेवा आयोग यूपीएससी प्रतियोगिता परीक्षा 2019 के लिए 12वीं राष्ट्रीय स्तर के समारोह और प्रोत्साहन समारोह के लिए और प्रशासनिक सेवा परीक्षा की तैयारी कैसे करे इस चार दिवसीय सम्मेलन का ऑनलाइन उद्घाटन हुआ. इस समय वे बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
इनकी रही उपस्थिति
इस समारोह में लाला बहादुर शास्त्री नेशनल एकेदमी ऑफ एडमिस्ट्रेशन के संचालक डॉ. संजीव चोपडा, पूर्व लोकसभा के महासचिव अनूप मिश्रा, नई दिल्ली के मनोहर पर्रीकर इन्स्टीट्यूट फॉर डिफेन्स स्टडी एंड एनेलिसेस के संचालक सूजान चिनॉय एवं देश के विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. एवीएस रमेश चंद्रा उपस्थित थे. साथ ही एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, कुलपति डॉ. एन.टी.राव, मिटसॉग के वरिष्ठ निदेशक रवींद्रनाथ पाटिल और डॉ. शैलश्री हरिदास उपस्थित थी.
देश में प्रथम आनेवाले प्रदीप सिंह का सम्मान
यूपीएसी में देश में पहले आनेवाले प्रदीप सिंह को पुरस्कार के रूप में दिए गए 51 हजार रूपये और सम्मानपत्र दिया गया. न्यायमूर्ति एल. नरसिम्हा नेड्डी ने कहा, प्रशासनिक अधिकारियों के पास कई प्रकार के अधिकार होते है . इसका सही इस्तेमाल कते हुए सभी को समर्पण के साथ काम करना चाहिए. समर्पण बहुत महत्वपूर्ण है, परिवार की परवाह किए बिना, भारतीय सैनिक सीमा पर जो सेवा देते है वैसी करनी चाहिए, इस सेवा में पैसे को अधिक महत्व दिए बिना सेवा महत्वपूर्ण है.
असफल होने के बाद पिता और दोस्तों का मिला प्रोत्साहन
यूपीएससी 2019 में पहली रैंक हासिल करनेवाले प्रदीप सिंह ने कहा कि उन्होंने इंजीनियरिंग करने के बाद 2016 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की. पहला प्रयास असफल रहा. अपने पिता और दोस्तों द्वारा प्रोत्साहित किया गया. हम कडी मेहनत के बल पर सबसे पहले भारत आए. इस परीक्षा की तैयारी करते समय आपको रोजाना तीन घंटे स्मार्ट वर्क के साथ अध्ययन करना चाहिए. अध्ययन में दृढता और लगातार कोशीश करने पर सफलता अपने आप प्राप्त करोंगे.
पारदर्शिता, समर्पण और परिश्रम की भावना होनी चाहिए
एवीएस रमेश चंद्र ने कहा, प्रशासनिक सेवा को पारदर्शिता, समर्पण और परिश्रम की भावना से किया जाना चाहिए. सिविल सेवा में एक अच्छे कर्मयोगी बनें, आप समाज की उन्नति करने वाली सेवा करे. इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि हमारे देशे ने वसुधैव कुटुम्बकम की शिक्षा दी जाती है. वर्तमान में भारत की स्थिति कोविड 19 से बिल्कुल अलग है.
मुस्कुराते हुए चेहरे से काम करें
अनूप मिश्रा ने कहा, बाहुबलि बनें और इस सेवा में सम्मान, मानवता और मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ काम करें. इसके लिए आपके अंदर कडी मेहनत और समर्पण की भावना होनी चाहिए. आप इस क्षेत्र में क्यों आए इस बात पहचानते हुए सेवा करनी चाहिए. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सार्वजनिक सेवा महत्वपूर्ण है. सभी को पता होना चाहिए कि जीवन में कई प्रलोभन आऐंगे इसलिए इससे बचना है.
अंतिम मानव के विकास का लक्ष्य हो
सुजैन चिनॉय ने कहा, देश में अंतिम मानव का विकास हो इस सूत्र को धारण करते हुए प्रशासनीक सेवा करनी चाहिए.काम करते समय सभी के विकास के मंत्र को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए. अभी इस देश में साइबर सुरक्षा पर बहुत काम किया जाना है.
प्रशासनिक सेवा दुिनया में सर्वश्रेष्ठ
राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा किआज के कार्यक्रम ने देश की सभी यूपीएससी की उपलब्धियों का सम्मान किया है, जिसे एक तप पूर्ण हुआ है. लॉकडान में डॉक्टरों और प्रशासकों की सबसे बडी भूमिका होती है. भविष्य में समाज में कुछ नई नीति के स्तर पर काम करने के लिए प्रशासनिक स्तर से लोगों को लेने की मानासिकता है. आज आपके माध्यम से देश को अच्छे प्रशासक मिले है. भारतीय प्रशासनिक सेवा दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है. प्रा. डॉ. शैलश्री हरिदास ने प्रास्ताविक रखा. प्रा. डॉ. एन.टी. राव और रवींद्रनाथ पाटिल ने डब्ल्यूपीयू की विस्तृत जानकारी दी. प्रा. गौतम बापट ने सूत्रसंचालन और यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रा. डी.पी. आपटे ने आभार माना.