Mohol

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    पुणे: भामा-आसखेड़ जलाशय से शहर को 2.6 टीएमसी पानी (TMC Water) मिल रहा है, लेकिन अब इतना पानी खडकवासला परियोजना (Khadakwasla Project) से पुणे शहर (Pune City) को उपलब्ध पानी की मात्रा को कम किया जा सकता है। ऐसा जलसंपदा यानी सिंचाई विभाग का कहना है। लेकिन यह पानी कम मत करें। ऐसी मांग महापौर मुरलीधर मोहोल (Mayor Muralidhar Mohol) ने की है। 

    पालक मंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में नहर समिति की बैठक में महापौर मोहोल ने भूमिका प्रस्तुत की। मेयर मोहोल ने कहा कि पुणे शहर की आबादी को ध्यान में रखते हुए, गांवों की पानी की आवश्यकता और समग्र भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, पुणे शहर में पानी की आपूर्ति को कम करना गलत है। 2001 में सालाना 11.50 टीएमसी जल अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। लेकिन उसके बाद पानी बढ़ाने की लगातार कोशिश की गई। लेकिन निर्णय नहीं हो सका। इसके विपरीत, जल संसाधन विभाग ने पुणे के लोगों के खिलाफ एक कदम उठाया है। पुणे का खडकवासला से 2.64 TMC पानी कम किया जा रहा है, जबकि  वर्तमान में पुणे शहर को 18.5 TMC की जरूरत है। 

    सिंचाई विभाग अपनी भूमिका वापस लें 

    महापौर के अनुसार, महापालिका पानी रिसाव को कम करने की कोशिश कर रहा है। 24*7 जलापूर्ति योजना के कारण इस पानी का रिसाव कम हो जाएगा।  इसके अलावा, गंदे जल का उपचार और उपयोग जायका  परियोजना के माध्यम से सिंचाई के लिए किया जाएगा। इसलिए जल संसाधन विभाग को अपनी भूमिका वापस लेनी चाहिए। ऐसा मोहोल ने कहा। इससे पुणेवासियों को राहत मिल जाएगी। 

    पुणे शहर की आबादी को ध्यान में रखते हुए गांवों की पानी की आवश्यकता और समग्र भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पुणे शहर में पानी की आपूर्ति को कम करना गलत है। 2001 में सालाना 11.50 टीएमसी जल अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन उसके बाद पानी बढ़ाने की लगातार कोशिश की गई। लेकिन निर्णय नहीं हो सका। इसके विपरीत जल संसाधन विभाग ने पुणे के लोगों के खिलाफ एक कदम उठाया है। जल संसाधन विभाग को अपनी भूमिका वापस लेनी चाहिए।

    - मुरलीधर मोहोल, महापौर