Pune becomes the state largest city in size, 23 new villages included in PMC

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    पुणे. महानगरपालिका (Municipal Corporation) सीमा में हाल ही में 23 गावों (23 villages) का समावेश (Included) किया गया है। अब इन गावों का नियोजन करना आवश्यक है। उसके लिए डीपी बनाना अनिवार्य है। सत्ताधारी भाजपा (BJP) ने ऐलान किया था कि गावों का डीपी महानगरपालिका  बनाएगी। लेकिन राज्य सरकार (State Government) ने सत्ताधारी भाजपा को झटका देने का काम किया है।  इसके सभी अधिकार पीएमआरडीए को दिए गए है। सरकार ने पीएमआरडीए को विशेष नियोजन प्राधिकरण के नाम पर जिम्मा सौंप दिया है। लेकिन उधर भाजपा 15 जुलाई की आम सभा में अपना प्रस्ताव पारित करने पर ठाम है। तो भाजपा के रवैये पर विपक्षियों ने आलोचना की है।

    23 गांव किए है शामिल

    राज्य सरकार ने 23 नए गाँवो को पुणे महानगरपालिका में शामिल करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में हाल ही में एक अधिसूचना जारी की गई है। 23 गाँवो को महानगरपालिका सीमा में शामिल करने से शहर की सीमा में काफी वृद्धि हुई है।    महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन (एमआरटीपी) अधिनियम, 1966 की धारा 21 के अनुसार,  योजना प्राधिकरण के रूप में इन 23 नए शामिल गाँवो के लिए विकास योजना का मसौदा तैयार करना आवश्यक है। 

     आम सभा में बीजेपी

    पिछले सप्ताह शहर सुधार समिति की बैठक में एक प्रस्ताव भी रखा गया था कि पालिका इन नव सम्मिलित गाँवो के लिए विकास योजना तैयार करे।  इन गांवों की विकास योजना को मंजूरी देने के लिए पालिका की मुख्य बैठक की मंजूरी जरूरी है। इसलिए स्थायी समिति के आठ सदस्यों ने मेयर मुरलीधर माहौल से इस मुद्दे पर विशेष बैठक बुलाने का लिखित अनुरोध किया था। इसी के तहत 15 जुलाई को सुबह 11.30 बजे विशेष बैठक का आयोजन किया गया है। बैठक ऑडियो-विजुअल (ऑनलाइन) के माध्यम से आयोजित की जाएगी। लेकिन अब सरकार के निर्देश आने की वजह से महानगरपालिका के पास कोई अधिकार नहीं बचा है।  फिर भी भाजपा 15 जुलाई की विशेष आम सभा में यह प्रस्ताव पारित करने पर ठाम है।  लेकिन इससे अब कोई फायदा नहीं होनेवाला, ऐसा विपक्षियों का कहना है। इसको लेकर उन्होंने भाजपा की आलोचना की है। 

    राज्य सरकार ने 23 गावों के नियोजन प्रारूप बनाने की जिम्मेदारी एसपीए के रूप में पीएमआरडीए पर सौंप दी है। इससे अब गावों के नियोजित विकास का रास्ता साफ होगा।

    -दीपाली धुमाल, विपक्षी नेता, महानगरपालिका

    एक बीजेपी नेता के रूप में नहीं, बल्कि पुणे के पहले नागरिक के रूप में, हम मेयर मुरलीधर मोहोल से अपील करते हैं कि इस तरह के कृत्य को उनके या उनकी पार्टी द्वारा काम नहीं किया जाना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार पुणे नगर निगम को 23 गांवों के विकास की योजना बनाने का अधिकार नहीं है। इसलिए, गुरुवार को एक विशेष आम बैठक अवैध है।

    -प्रशांत जगताप, शहर अध्यक्ष, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

    23 गाँवो के डीपी को लेकर सरकार ने एसपीए बनाने की वजह से गाँवो की विकास को चाल मिलेगी। साथ ही सरकार ने भाजपा को भी झटका देने का अच्छा काम किया है।

    -आबा बागुल, गुटनेता, कांग्रेस

    राज्य सरकार ने यह फैसला अवैध रूप से लिया है। राज्य सरकार ने महानगरपालिका में गांवों को शामिल करने और विकास की योजना के लिए एक पीएमआरडीए नियुक्त करने के लिए दोतरफा दृष्टिकोण अपनाया है।

    -मुरलीधर मोहोल, महापौर

    राज्य सरकार ने महानगरपालिका के मौलिक अधिकारों का हनन किया है। महानगरपालिका के इतिहास में आज का दिन काला दिन है। कानूनी मुद्दों की जांच के बाद अगला फैसला लिया जाएगा।

    -गणेश बिडकर, सभागृह नेता