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  • बिजली बिल का बकाया 4324 करोड़ रुपए के पार

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पुणे. महामारी कोरोना के चलते आमजनों के बाद अब महावितरण पर भी आर्थिक संकट गहरा गया है. पुणे जिले में महावितरण के बिजली बिल के बकाए का आंकड़ा 4324 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. 

गत वर्ष मार्च से सितंबर तक बिजली बिलों के बकाए में 1134 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है. इसमें 17 लाख 77 हजार घरेलू, वाणिज्यिक, औद्योगिक और कृषि पंप समेत अन्य ग्राहकों का समावेश है. कोरोना की आफत से पहले मार्च तक पुणे जिले में 12 लाख दो हजार ग्राहकों के पास 3190 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया था. जो महामारी के संक्रमण के बाद बढ़ता चला गया है.

लॉकडाऊन में बिजली खपत में गिरावट

महावितरण का वित्तीय संकट मार्च में कोरोना वायरस के संकट की शुरुआत के बाद लॉकडाउन के दौरान और बाद में बिजली के बिलों में गिरावट के साथ शुरू हुआ है.मार्च से सितंबर तक, जिले में बकाया घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक ग्राहकों की संख्या में 5 लाख 72 हजार और बकाया राशि में भी 644 करोड़ 37 लाख की वृद्धि हुई है.वर्तमान में पुणे जिले में 14 लाख 71 हजार 700 घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक ग्राहकों पर 930 करोड़ और कृषि पंप और अन्य ऐसे 3 लाख 5 हजार 900 ग्राहकों के 3393 करोड़ 93 लाख और कुल 17 लाख 77 हजार 500 ग्राहकों का 4324 करोड़ रुपए बकाया है.

लॉकडाऊन के समय का बिजली बिल सटीक

अनलॉक के बाद उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग के अनुसार बिल भेजा जा रहा है. महावितरण ने लॉकडाउन में बिजली के बिलों के बारे में पहले के भ्रम को दूर कर दिया है. बिजली के क्षेत्र में विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि महावितरण द्वारा दिया गया 3 से 4 महीने का समेकित बिजली बिल सटीक है. महावितरण के सभी संभागीय कार्यालयों के अंतर्गत बिलों के बारे में हजारों शिकायतें प्राप्त हुईं. सभी ग्राहक बिलों में सुधार कर दिए गए हैं. उपभोक्ता इस बात से भी सहमत हैं कि बिजली बिल की रीडिंग उतनी ही सटीक है, लेकिन बिजली के बिल भुगतान की दर में वृद्धि नहीं हुई है. परिणामस्वरूप, बकाया में भारी वृद्धि के कारण वर्तमान में महावितरण की वित्तीय स्थिति गंभीर है.

उपभोक्ताओं के सहयोग की सख्त जरूरत

बढ़ती बकाया राशि की पृष्ठभूमि के खिलाफ, बिजली मांग और आपूर्ति को संतुलित करने के लिए महावितरण को बिजली उपभोक्ताओं के सहयोग की सख्त जरूरत है. हर महीने बिल वसुली की राशि के लगभग 80 से 85 फीसदी हिस्से से बिजली खरीदी जाती है. अनलॉक के चलते वाणिज्यिक मांग, रबी सीजन और त्यौहार के दिनों, औद्योगिक उत्पादन आदि के कारण इस महीने से बिजली की मांग में भारी वृद्धि होगी, मुख्य रूप से औद्योगिक, वाणिज्यिक और कृषि पंपों के लिए. दूसरी ओर, जैसे-जैसे बकाया बढ़ता जा रहा है, महावितरण के समक्ष बिजली खरीद के लिए पैसे कहां से जुटाए जाएंगे, यह सवाल उठ रहा है. कोरोना संकट सहित प्रतिकूल प्राकृतिक आपदाओं के मामले में महावितरण ग्राहक सेवा प्रदान कर रहा है. महावितरण के इस गंभीर वित्तीय संकट में उपभोक्ताओं को बकाया राशि और वर्तमान बिजली बिलों का भुगतान कर सहयोग करने की अपील, पुणे के क्षेत्रीय निदेशक अंकुश नाला ने किया है. सभी बिजली बिल भुगतान केंद्र पुणे जिले में चालू हैं. इसके अलावा घर बैठे महावितरण की वेबसाइट www.mahadiscom.in, मोबाइल एप या अन्य ‘ऑनलाइन’ विकल्पों से भी भुगतान की सुविधा है. लॉकडाऊन में बिजली बिलों के बारे शंका निवारण के लिए https://billcal.mahadiscom.in/consumerbill/ लिंक पर जाएं, यह अपील भी की गई है.