कोरोना काल में केमिकल इंजीनियरिंग में बेहतरीन मौका

  • ‘डी. वाई. पाटिल’ के डॉ. के. टी. जाधव ने दी जानकारी

Loading

पुणे. इस समय पूरा विश्व कोरोना महामारी का सामना कर रहा है. विश्व में कोरोनाग्रस्त मरिजों की संख्या इस समय 4 करोड़ से भी अधिक हुई है, जबकि 10 लाख से अधिक मौतें हो चुकी है. ऐसे में शिक्षा क्षेत्र को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. फिर भी इस स्थिति में केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काफी अच्छे अवसर उपलब्ध हैं, ऐसी जानकारी डी. वाई. पाटिल इंजीनियरिंग कॉलेज के डॉ. के. टी. जाधव ने दी.

कई उपशाखाओं का अध्ययन

जाधव ने बताया कि केमेस्ट्री के साथ-साथ कई उपशाखाओं का अध्ययन किया जाता है, जिसमें एनर्जी ऊर्जा बचत, पर्यावरण नियंत्रण, जैविक तकनीक, प्लास्टिक, पॉलिमर, पेट्रोलियम, फार्मास्युटिकल्स का समावेश है. केमिकल इंजीनियरिंग दैनिक जीवन की हर जररुत से जुड़ी हुई शाखा है. इसमें उर्वरकों, अल्कोहोल, दवाइयां, एलपीजी, पेट्रोल-डीजल, साबून, तेल, जेली, खरपतवार नाशक, कीटनाशक, पेन्टस्, ग्रीस, कागज, रबड़, फाइबर ऐसे उत्पादन तैयार करने वाले कंपनियों में केमिकल इंजीनियरिंग को काफी अच्छी मांग है.इस समय भारत में सबसे चर्चित शाखा बायो टेक्नोलॉजी औ बायोकेमिकल यह शाखा भी केमिकल इंजीनियरिंग से संबद्ध होने के कारण केमिकल इंजीनियरों को अच्छा करियर मिल सकता है.

बड़ी कंपनियों में मौका मिल सकता है

जाधव का कहना है कि केमिकल इंजीनियरों को देश-दुनिया की बेहतरीन कंपनियों में काम करने का अवसर मिल सकता है, जिसमें रिलायन्स, आईओसीएल, हिंदुस्थान यूनिलिव्हर, एल एंड टी, एचपीसीएल, ओएनजीसी, आरसीएफ, ब्रिटानिया, कृभको, घरडा, रैनबैक्सी, फिनोलेक्स, प्राज इंडस्ट्रीज, विनती ऑर्गॅनिकस, वीवीएफ, प्रिव्ही ऑर्गॅनिकस, टेक्नोफोर्स, केमिकल इंजिनीयरों को कई बार ‘यूनिवर्सल इंजिनियर्स’ के तौर पर जाना जाता है. क्योंकि केमिकल इंजीनियर्स पेट्रोलियम इंजीनियर, पेट्रोकेमिकल इंजीनियर, पॉलिमर इंजीनियर और प्लास्टिक तथा बायोकेमिकल इंजीनियर के तौर पर भी काम कर सकते है. डिजाईन इंजीनियरिंग और अनुसंधान के क्षेत्र में इस शाखा के इंजीनियरों को काफी अच्छा अवसर है. इसलिए इस शाखा को कैनडा, अमेरिका, जर्मनी, इंग्लंड, जपान, ऑस्ट्रेलिया, ओमान, ईरान, इराक, सौदी अरब और गल्फ के देशों में अच्छी डिमांड है, ऐसी जानकारी के. टी. जाधव ने दी.