Workers not coming to work at the original place

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– मनपा कर्मी व अधिकारी 31 अगस्त तक दे सकते है

पुणे. महापालिका के 1 से 3 गुट के सभी कर्मियों व अधिकारियों को उनकी संपत्ति का ब्यौरा पेश करना महापालिका कानून के अनुसार अनिवार्य किया गया है. हर साल की 31 मई के पहले कर्मियों व अधिकारियों को यह ब्यौरा देना ही होगा, लेकिन कोरोना की वजह  अभी तक कई कर्मियों व अधिकारियों ने संपत्ति का ब्यौरा पेश नहीं किया है. इसलिए मनपा आयुक्त ने इसका अवधि बढ़ाकर 31 अगस्त किया है.  यह निर्देश महापालिक आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने मनपा प्रशासन से दिए है.

मनपा कानून के अनुसार ब्यौरा देना अनिवार्य

ज्ञात हो कि महापालिका भवन व सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में करीब 20 हजार से अधिक कर्मी काम करते हैं. इसमें श्रेणी 1 से लेकर श्रेणी 4 तक के कर्मी काम करते हैं. राज्य सरकार के निर्देश पर श्रेणी 4 को छोड़ कर सभी कर्मियों व अधिकारियों को उनकी संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य किया गया है. इसके तहत महापालिका इस पर अमल कर रही है. मनपा के प्रत्येक विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि 31 मई से पहले इस ब्यौरे की रिपोर्ट पेश करें. फिर भी महापालिका कर्मियों व अधिकारियों द्वारा उनकी संपत्ति का ब्यौरा पेश नहीं किया जाता है.

स्पेशल केस के तौर पर दी शिथिलता

ज्ञात हो कि महापालिका प्रशासन कोरोना की रोकथाम के लिए प्रयासरत है. इस वजह से प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों के कर्मी इस काम पर लगा दिए है. साथ ही कार्यालय में कर्मियों की उपस्थिति भी कम की गई है. सिर्फ 15% कर्मियों पर काम चलाया जा रहा है. इस वजह से कई कर्मी व अधिकारी विवरणपत्र नहीं दे पाए है. कोरोना के चलते स्पेशल केस के तौर पर यह कालावधि अब 31 अगस्त तक बढ़ाया गया है. इस अवधि में विवरणपत्र जमा करें, ऐसे निर्देश आयुक्त ने दिए है.