Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation
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  • विधायक अण्णा बनसोडे की शिकायत के बाद शुरू हुई जांच-पड़ताल

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पिंपरी. टेंडर भरते वक्त ठेकेदारों द्वारा पीएसडी (पर्फोर्मंस सिक्योरिटी डिपॉजिट) के रूप में दिए जानेवाले एफडीआर (फिक्स डिपॉजिट रिसीट) में फर्जीवाड़ा की आशंका जताते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक अण्णा बनसोडे ने फर्जी एफडीआर से करोड़ों रुपये का घोटाला किये जाने का आरोप लगाया है. 

इसे गंभीरता से लेते हुए पिंपरी चिंचवड़ मनपा प्रशासन ने जांच-पड़ताल शुरू की है. इस जांच-पड़ताल में स्थापत्य विभाग में काम करनेवाले 7 ठेकेदारों द्वारा फर्जी एफडीआर की रिसीट देकर मनपा के साथ फर्जीवाड़ा किए जाने की जानकारी सामने आयी है. इसके चलते मनपा प्रशासन ने सभी विभागों के एफडीआर जांचने का काम शुरू किया है.

फर्जी एफडीआर गिरोह सक्रिय

मनपा द्वारा सालाना हजारों कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाती है. निविदाओं में प्रतियोगिता होती है और निविदाएं 20, 25, 30, 32 प्रतिशत कम दरों पर भरी जाती हैं और ठेका हासिल किया जाता है. ठेका पाने के बाद एफडीआर को पीएसडी के रूप में देना अनिवार्य है. मनपा यह सत्यापित नहीं करती है कि प्रस्तुत एफडीआर गलत है या सत्य. इसका फ़ायदा उठाते हुए फर्जी एफडीआर तैयार करनेवाला गिरोह सक्रिय हो गया. ठेकेदार ऐसे नकली एफडीआर को मनपा को सौंप रहे हैं. यह मामला सामने लाकर विधायक बनसोडे ने मांग की है कि इस मामले में व्यापक जांच कर दोषी ठेकेदारों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें ब्लैकलिस्ट में शामिल किया जाए.

11 % से कम दर की निविदाओं की जांच की जाए

विधायक ने दावा किया है कि इस मामले की जांच के बाद करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आएगा. उन्होंने मनपा कमिश्नर को सौंपे पत्र के जरिए मांग की है कि पिछले 3 वर्षों में लागू किए गए टेंडर में 11% से कम दर भरनेवाले ठेकेदारों द्वारा पीएसडी के रूप में दिए गए एफडीआर की जांच करें. मनपा को यह सुनिश्चित नहीं है कि ठेकेदारों द्वारा पीएसडी के रूप में जारी किए गए एफडीआर सही है या नहीं. फर्जी एफडीआर बनाने के लिए शहर में गिरोह काम कर रहे हैं और ऐसे कई फर्जी एफडीआर ठेकेदारों ने मनपा को दिए हैं. इस मामले में एक बड़ा रैकेट सक्रिय है और ठेकेदार और अधिकारी की मिलीभगत के कारण इस मामले को संज्ञान में नहीं लिया गया है, यह आरोप भी विधायक बनसोडे ने लगाया है.

फर्जी रिसिपट्स से धोखाधड़ी

विधायक बनसोडे की शिकायत और आरोपों को गंभीरता से लेते हुए मनपा कमिश्नर श्रावण हार्डिकर ने एफडीआर जांचने के आदेश दिए हैं. इसमें पाया गया कि स्थापत्य विभाग के 7 ठेकेदारों द्वारा फर्जी एफडीआर की रिसिट्स पेश कर मनपा के साथ धोखाधड़ी की है. हालांकि उनके नाम अभी उजागर नहीं किये गए हैं मगर इनमें से कई ठेकेदारों के आज भी करोड़ों रुपये के काम शुरू रहने की जानकारी भी सामने आयी है. इसे गंभीरता से लेते हुए मनपा प्रशासन ने स्थापत्य के अलावा अन्य विभागों के एफडीआर जांचने का काम शुरू कर दिया है क्योंकि जैसा स्थापत्य विभाग में फर्जीवाड़ा हुआ है वैसा मनपा के भांडार, उद्यान, जलापूर्ति, विद्युत, पर्यावरण, स्वास्थ्य, चिकित्सा जैसे अन्य विभागों के मामले भी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.