हर दिन दें कार्रवाई रिपोर्ट

  • होटल पर कार्रवाई को लेकर अतिरिक्त महापालिका आयुक्त के निर्देश
  • एसओपी को लागू नहीं करने की मिल रहीं शिकायतें
  • 15 फील्ड ऑफिस स्तर पर 15 टीमों का गठन

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पुणे. मनपा को शिकायतें मिल रही हैं कि शहर के कई होटल, बार और मॉल में सामाजिक दूरी सहित कोरोना के अन्य एसओपी को लागू नहीं किया जा रहा है. इसके लिए 15 फील्ड ऑफिस स्तर पर 15 टीमों का गठन किया गया है. इन दस्तों को कोरोना के एसओपी का उल्लंघन करने वाले होटलों, बार और मॉल को सील करने का आदेश दिया गया है. महापालिका आयुक्त द्वारा यह निर्देश जारी किए गए थे. 

इसके अनुसार प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है, लेकिन इसमें तेजी नहीं दिख रही है. इस वजह से कार्रवाई की रिपोर्ट प्रतिदिन देने के निर्देश अतिरिक्त महापालिका आयुक्त रूबल अग्रवाल द्वारा दिए गए हैं.

कार्रवाई में नहीं दिख रही तेजी

कई माह के प्रतिबंध के बाद हाल ही में महापालिका प्रशासन की ओर से होटल, बार शुरू करने की अनुमति दी गई है पर इसके साथ कई शर्तें लगाई गई. जिसे लागू करना अनिवार्य किया गया है, लेकिन देखने में आ रहा है कि शहर के कई होटल, बार और मॉल में सामाजिक दूरी सहित कोरोना के अन्य एसओपी को लागू नहीं कर रहे हैं. इसकी कई शिकायतें मिल रही हैं. उन पर निगरानी और कार्रवाई के लिए 15 फील्ड ऑफिसों के स्तर पर 15 टीमों का गठन किया गया है. इन दस्तों को कोरोना के एसओपी का उल्लंघन करने वाले होटलों, बार और मॉल को सील करने का आदेश दिया गया है. महापालिका आयुक्त द्वारा यह निर्देश जारी किए गए थे. इसके अनुसार प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है, लेकिन इसमें तेजी नहीं है. इस वजह से कार्रवाई की रिपोर्ट प्रतिदिन देने के निर्देश अतिरिक्त महापालिका आयुक्त रूबल अग्रवाल द्वारा दिए गए हैं.

लागू की जाएगी जांच प्रणाली  

कोरोना की दूसरी लहर की आशंका को देखते हुए महापालिका तैयार है. जिन घटकों को ‘सुपर स्प्रेडर्स’ माना जाता है, उनके निरीक्षण के अलावा, अन्य राज्यों से ट्रेन और हवाईजहाज से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए एक व्यापक प्रणाली लागू  की जाएगी. 

फिर बढ़ने लगे मरीज

अक्टूबर की तुलना में पिछले कुछ दिनों में पुणे में सक्रिय रोगियों की संख्या बढ़ने लगी  है. यदि नए रोगियों की संख्या, जो वर्तमान में लगभग 400 प्रति दिन हैं, 700 तक पहुंच जाती है, तो शहर की स्वास्थ्य प्रणाली पर इसका भारी दबाव पड़ेगा. इस आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन और महापालिका प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है.