Pune Municipal Corporation

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    पुणे. जारी वित्तीय साल खत्म हो रहा है। बजट (Budget) में प्रावधित किए निधि के अनुसार, शहर में विकास काम (Development Work) करने को लेकर पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) में गतिविधियां तेज की गई है, लेकिन लेखापाल विभाग द्वारा निर्देश दिए है कि सभी विकास कामों के वर्कआर्डर (Work Order) 19 मार्च तक दें। क्योंकि 25 मार्च से बाद से कोई बिल नहीं स्वीकारा जाएगा।

     लेखापाल विभाग का कहना है विभिन्न विभाग समय पर बिल जमा नहीं करते। जिससे प्रशासकीय दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस वजह बिल जमा करने अब समय सीमा (Time Limit) दिया गया है। 

    समय पर नहीं दिए जाते बिल 

    ज्ञात हो कि महानगरपालिका के विभिन्न कार्यालयों द्वारा शहर में विकास कार्य किए जाते हैं। साथ ही क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा प्रभागों में 10 लाख तक के विकास काम किए जाते हैं। उसके लिए प्रशासकीय प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। इसमें इस्टीमेट बनाना, टेंडर प्रक्रिया लागू करना, आम सभा की मंजूरी लेकर उसके वर्कआर्डर देना जैसे कामों का समावेश होता है, लेकिन विभागों के उदासीन रवैये के चलते वर्क आर्डर देना और उसका बिल पेश करने में देरी की जाती है। इस देरी के कारण लेखापाल विभाग द्वारा बिल का ऑडिट नहीं किया जाता। इसमें महानगरपालिका का नुकसान होने की आशंका होती है। इस वजह से अब लेखापाल विभाग ने सख्त रवैया अपनाया है। लेखापाल विभाग द्वारा निर्देश दिए है कि सभी विकास कामों के आर्डर 19 मार्च तक दें क्योंकि 25 मार्च से बाद से कोई बिल नहीं स्वीकारा जाएगा। लेखापाल विभाग का कहना है विभिन्न विभाग समय पर बिल जमा नहीं करते। जिससे प्रशासकीय दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस वजह बिल जमा करने अब समय सीमा दिया गया है। 

    कोरोना से कामों पर हुआ है असर 

    कोरोना की वजह से मार नगरसेवकों को सहनी पड़ी थी। मौजूदा बजट से नगरसेवकों के सूची को 25 प्रतिशत कटौती कर पुराने बिल अदा किए थे। साथ ही बजट के पूंजीगत कामों में भी कटौती की गई थी। ऐसे कुल 40% कटौती की थी। सरकार ने भी इस तरह के निर्देश दिए थे।  जारी वित्तीय साल में और भी कई काम करने हैं। इसमें क्षेत्रीय कार्यालयों के तहत किए जानेवाले कामों का भी समावेश है। लगभग 250-300 करोड़ के पूंजीगत काम करने है। इसमें देखभाल और मरम्मत के कामों का समावेश है। मुख्य भवन से भी पूंजीगत काम करने है। ऐसे बजट पर करीब 1500 करोड़ तक का लोड़ आएगा। मनपा यह सह नहीं पायेगी। इस वजह से क्षेत्रीय कार्यालयों के तहत किए जानेवाले कामों में 40 प्रतिशत कटौती की जाएगी। बजट का संतुलन बनाए रखे इस के लिए क्षेत्रीय अधिकारियो को निर्देश दिए हैं। ऐसे में अब लेखापाल विभाग के निर्देश आ चुके हैं। इससे नगरसेवकों पर फिर आफत आ चुकी है।