गणेश मंडलों के लिए गाइडलाइंस जारी

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  • गणेशोत्सव पर भी कोरोना का साया बरकरार

पुणे. महामारी कोरोना के बढ़ते प्रकोप ने राज्य सरकार की नींद उड़ाकर रख दी है. इस साल के सभी त्योहार, उत्सव, महोत्सव यहां तक कि समस्त महाराष्ट्र की आस्था से जुड़े पालकी महोत्सव कोरोना के साये से गुजरे हैं. अब गणेशोत्सव भी महामारी के संकट तले है. 

महाराष्ट्र में सबसे बड़े स्तर पर मनाया जाने वाले गणेशोत्सव में लोग अपने अपने घरों पर ही रहें, सड़क पर भीड़ न लगाएं, ताकि कोरोना की वजह से इस उत्सव के रंग में भंग न पड़े, इसका ध्यान रखते हुए गणेशोत्सव के लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. सभी सार्वजनिक गणेश मंडलों को किस प्रकार से इस बार गणेशोत्सव मनाना है और क्या सावधानियां बरतनी है इसके लिए सरकार ने गाइडलाइंस जारी की है.

स्थानीय प्रशासन की अनुमति जरूरी

सरकार द्वारा जारी की गाइडलाइंस के मुताबिक, सभी गणेश मंडलों को स्थानीय महानगरपालिका या स्थानीय प्रशासन से परमिशन लेनी होगी. अदालत और स्थानीय महानगरपालिका के निर्देशों के अनुसार इस बार गणेशोत्सव को बिल्कुल सामान्य तरह से मनाया जाए. ज्यादा बड़े मंडप न बनाए जाएं. लोगों को भीड़ न लगने देने की हिदायत दी गई है. गणेश मूर्तियों को लेकर भी गाइडलाइन दी गई है. सभी सार्वजनिक गणेश मंडलों को इस बार 4 फ़ीट की मूर्ति मंडल में लानी है. इसके अलावा घर में लाए जाने वाले गणपति बप्पा की मूर्ति दो फ़ीट से ज्यादा की नहीं होनी चाहिए. जितना संभव हो उतना घर में ही पूजा पाठ करें.

कृत्रिम तालाब में विसर्जन अनिवार्य

गणेशमूर्ति के विसर्जन के लिए भी पास के कृत्रिम तालाब में जाकर विसर्जन किया जाए, भीड़ लगाने से बचा जाए. अगर मूर्ति विसर्जन को आगे बढ़ाया जा सकता है तो माघी गणेशोत्सव के दौरान भी इसका विसर्जन कर सकते हैं. विसर्जन के दौरान सड़क पर और विसर्जन स्थल पर भीड़ न लगाएं ताकि कोरोना के खतरे को कम किया जा सके. गणेशोत्सव के दौरान होर्डिंग लगाने से बचें, होर्डिंग लगानी हो तो ऐसी लगाएं जिसमें स्वास्थ्य और सामाजिक संदेशों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने का जिक्र हो. होर्डिंग्स लगाने की जगह पैसे मंडल में दान भी किये जा सकते है. 

 होर्डिंग न लगाएं

भीड़ आकर्षित करने वाली होर्डिंग न लगाएं. सांस्कृतिक कार्यक्रम की जगह इस गणेश उत्सव में स्वास्थ्य शिविर और रक्तदान शिविर जैसे आयोजन किए जाने चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को इसका फायदा मिल सके. इसके अलावा कोरोना, मलेरिया, डेंगू जैसे गंभीर बीमारियों से किस प्रकार से बचा जा सकता है और क्या सावधानियां बरतनी है इस बारे में भी जन जागृति करें.

ऑनलाइन दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराए

आरती, भजन, कीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम करने से भीड़ बढ़ने और ध्वनि प्रदूषण होने की संभावना है इसलिए नियमों के तहत इनका पालन करें. गणेश भगवान के दर्शन की सुविधा ऑनलाइन, केबल नेटवर्क, वेबसाइट और फेसबुक के जरिए भी उपलब्ध करवाने का प्रबंध किया जाए. गणेश मंडल में सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए जो कोई भी मंडल में दर्शन करने की इच्छा से आ रहा है वह सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के नियम का पालन कर रहा है इसको सुनिश्चित किया जाए. बप्पा के आगमन और विसर्जन के समय जो आरतियां की जाती हैं उसे घर में ही पूरा किया जाए. विसर्जन स्थल पर भीड़ ने लगाई जाए. बच्चे और बुजुर्ग व्यक्ति घर पर ही रहें. मनपा, सार्वजनिक मंडल, हाउसिंग सोसाइटी, जनप्रतिनिधि और एनजीओ की मदद से कृत्रिम तालाब का निर्माण करें. ताकि पास में ही बप्पा का विसर्जन हो सके. सरकार और स्थानीय प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों द्वारा जारी की जाने वाली गाइडलाइन का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य होगा.