आजादी के पहले से ही जन-जन की भाषा है हिन्दी

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  • पासपोर्ट कार्यालय में मनाया गया हिंदी पखवाड़ा

पुणे. गत दिवस क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पुणे में हिंदी पखवाड़ा कार्यक्रमों के तहत हिंदी पखवाड़ा मनाया गया. सर्वप्रथम राज्य भाषा अनुभाग के प्रफुल्ल प्रसाद सिंह ने वरिष्ठ हास्य व्यंग्य के राष्ट्रीय कवि, शरदेन्दु शुक्ला ‘शरद’ का परिचय पढ़कर सुनाया. इस अवसर पर शुक्ल ने अपने वक्तव्य में स्मरण कराया की हिंदी आजादी से पहले ही जन जन तक पहुंच रही थी, मतलब चलन में थी, तभी तो बंगाल के सुभाष चंद्र बोस ने हिंदी में नारा दिया था. ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा.’ तथा महाराष्ट्र के बाल गंगाधर तिलक ने कहा था, ‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’.

शुल्क ने कहा कि भारत सरकार हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए करोड़ों रुपया खर्च करती है. उसका जो प्रतिसाद मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने इस कार्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा यहां संतोषजनक हिंदी में कार्य किया जा रहा है. क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के प्रमुख का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके निर्देशन में सब गंभीरता से इसको ध्यान में रखकर कार्य कर रहे हैं. शरद ने लंबे काव्य पाठ में हास्य व्यंग्य तथा वीर रस की कविताओं से सबका मन मोह लिया. कार्यालय कर्मियों ने तालियां बजाकर उनको खूब सराहा.

क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी अनंत शंकर ताकवाले ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शरद की कविताओं की प्रशंसा की तथा कविताओं में दिए गए संदेशों का भी उल्लेख करते हुए आभार व्यक्त किया. अंत में प्रफुल्ल प्रसाद सिंह ने सब का आभार व्यक्त किया. पूरे कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया. प्रत्येक कर्मचारी ने उसका पालन किया .