अनुबंधित शिक्षकों को परमानेंट करने उठाऊंगा आवाज

  • पुणे शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार प्रा. प्रकाश पाटिल का आश्वासन

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पुणे. देश के विकास में शिक्षा एक अहम क्षेत्र है. ऐसे में इस क्षेत्र में अध्यापन का काम करने वाले हजारो अनुबंधित शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवा में परमानेंट करने के लिए सरकार की ओर पुरजोर मांग करुंगा तथा इसके लिए बजट में भारी आवंटन के लिए सरकार की ओर पहल करूंगा, ऐसा आश्वासन पुणे विभाग शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार प्रा. प्रकाश पाटिल ने दिया.

ठेका प्रणाली की नीति को खत्म करना होगा

अपने चुनावी एजेंडे के संदर्भ में प्रा. पाटिल ने ‘नवभारत’ के साथ बातचीत की. इस समय उन्होंने विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी. पाटिल ने आगे कहा कि, शिक्षा के क्षेत्र में आज शिक्षक हो या कर्मचारी हो सभी काफी अहम होते है. ऐसे में शिक्षा क्षेत्र में ठेकाकरण की नीति कतई उचित नहीं है. पिछले कई वर्षों से राज्य में हजारों की तादाद में अनुबंधित शिक्षक अध्यापन का बेहतरीन कार्य कर रहे है. समाज में ज्ञान के प्रवाह को गतिमान करते हुए देश की सेवा कर रहे है, फिर भी उन्हें परमानेंट शिक्षकों की तरह वेतन और सुविधाएं नहीं मिलती. जिससे उनके परिवार को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. शिक्षा क्षेत्र में ठेकाकरण की इस नीति में आमूलचूल परिवर्तन हमें लाना होगा. क्योंकि अगर शिक्षक ही भूखा रहें तो वह छात्रों की ज्ञान की भूख कैसे मिटा सकता है. इसलिए इस दिशा में विशेष तौर पर प्रयास किए जाएंगे.

हजारों शिक्षक है समस्याग्रस्त

महाराष्ट्र में इस समय करीब 8 से 9 हजार पार्ट टाइम, पीरियड बेसीस तथा मौसमी तौर पर अध्यापन का कार्य कर रहे है. वर्ष 2015 में नागपुर उच्च न्यायालय की ओर से इन शिक्षकों को परमानेंट करने का आदेश दिया गया है. लेकिन अब तक इस पर अमल नहीं हो रहा है. वर्षों से यह सभी शिक्षक बगैर वेतन या फिर काफी कम मानदेय पर काम कर रहे है. इन सभी शिक्षकों को परमानेंट सरकार करें, इस दिशा में प्रयास किया जाएगा और बजट में इस पर आवंटन बढ़ाने के लिए आवाज उठाई जाएंगी, ऐसी जानकारी प्रा. प्रकाश पाटिल ने दी.

शिक्षक भवन निर्माण के लिए प्रयास करेंगे

अपने विभिन्न कामों के लिए राज्य भर के शिक्षक मुंबई में आते है. ऐसे में यहां आने पर उन्हें ठहरने की कोई उचित सुविधा नहीं है. इसलिए मुंबई में एक भव्य शिक्षक भवन बनाया जाए, ऐसी मांग कई वर्षों से हो रही है. इस मांग को और पुरजोर करने तथा सरकार को इस पर अमल करने के लिए बाध्य किया जाएगा.

पुरानी पेन्शन लागू हों

जीवनभर अध्यापन का कार्य करने के बाद शिक्षक जब रिटायर होते है, तो उन्हें पेन्शन की काफी आवश्यकता होती है. कुछ वर्ष पहले सरकार की ओर से पेन्शन नीति में बदलाव लाते हुए अंशदायी पेन्शन योजना लागू की है. लेकिन इसे बदल कर फिर से पुरानी पेन्शन योजना सरकार लागू की जाए. इस दिशा में विधान परिषद में आवाज उठाते हुए पहल की जाएगी, ऐसी जानकारी प्रा. प्रकाश पाटिल ने दी.