Workers not coming to work at the original place

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– मनपा आयुक्त ने जारी की नियमावली

पुणे. महापालिका सेवा प्रवेश नियमावली के अनुसार अन्य महापालिका या केंद्र व राज्य सरकारी संस्थाओं के कर्मियों के साथ ही अधिकारियों को तबादले के तहत पुणे मनपा सेवा में लिया जाता है, लेकिन इसकी कोई स्पष्ट नियमावली ना होने के कारण प्रशासन को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस वजह से अब तबादलों के तहत पुणे मनपा सेवा में आने के लिए मनपा आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने एक नीति बनाई है. इसमें कई शर्तें लगाई गई है. इसे पूरा करने के बाद ही मनपा सेवा में लिया जाएगा.

व्यक्तिगत हित के लिए आना चाहते हैं मनपा में

ज्ञात हो कि पुणे महापालिका राज्य की सबसे महत्वपूर्ण महापालिका है. साथ ही पुणे शहर की भी अच्छी पहचान है. इस वजह से राज्य के विभिन्न महापालिका साथ ही सरकारी या उनसे संबंधित स्वायत्त संस्थाओं से कई कर्मी व अधिकारी अपनी बदली पुणे मनपा में मांगते है. कई बार तो दबाव लाकर बदलिया की जाती है. प्रशासकीय हित छोड़कर इसमें व्यक्तिगत हित ज्यादा होता है. इससे पुणे मनपा की सिरदर्द बढ़ रही है क्योंकि पुणे मनपा की सेवा में लेते समय संबंधितकर्मी या अधिकारी की निवृति वेतन योजना लागू करना, पिछली सेवा को मनपा से जोड़ना, वेतन निच्छिति करना, उसे विभिन्न लाभ देने के काम मनपा द्वारा किए जाते है, लेकिन इसके लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट की पूर्ति नहीं की जाती. इससे प्रशासन का काम बढ़ रहा है. इस वजह से मनपा आयुक्त ने इसके लिए एक नीति बनाई है.

विभिन्न शर्तों का समावेश

महापालिका आयुक्त द्वारा बनाई गई नियमावली के अनुसार मनपा सेवा में आना हो तो अपनी वरिष्ठता को नजरअंदाज कर कनिष्ठ पदों पर भी काम करना पड़ेगा. अपने बीमारी संबंधित साथ ही किसी दर्ज मामले संबंधित भी जानकारी देनी होगी. रोस्टर के माध्यम से नियुक्ति होने का प्रमाणपत्र, उनके विभाग प्रमुख के एनओसी का प्रमाणपत्र, उस पर कोई विभाग निहाय जांच चल रही हो तो उसकी जानकारी, वेतन श्रेणी की जानकारी देनी होगी. इस निति के तहत करीब 26 शर्ते लगाई गई हैं. इसकी पूर्ति होने के बाद ही संबंधीत सरकारी कर्मी को मनपा सेवा में समाविष्ट करके लिया जाएगा. इस नियमावली से अब मनपा प्रशासन का काम भी आसान हो जाएगा.