पिंपरी चिंचवड़ मनपा की आमसभा में दिखा बंद का असर

  • विपक्षी दलों ने की केंद्र के खिलाफ नारेबाजी

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पिंपरी. किसानों और मजदूरों के आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को घोषित भारत बंद का असर पिंपरी चिंचवड़ मनपा (Pimpri Chinchwad Municipal Corporation) की सर्वसाधारण सभा में भी देखा गया। विपक्षी दलों के नगरसेवकों काले वस्त्र परिधान कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभागृह में प्रवेश किया। विपक्ष ने आज की सभा मजदूरों और किसानों के आंदोलन के समर्थन में स्थगित रखने की पुरजोर मांग की। हालांकि सत्तादल भाजपा ने उस मांग को अस्वीकार कर सभागृह का कामकाज को विपक्ष के हंगामे के बीच ही निपटाया। 

उपमहापौर की फिसली जुबान कहा, किसानों के आंदोलन को चीन-पाक से ‘फंडिंग’

उपमहापौर चुने जाने के बाद पहली ही सर्वसाधारण सभा में केशव घोलवे की जुबान फिसल गई। पार्टी का पक्ष रखने की कोशिश में उन्होंने किसानों के आंदोलन को चीन और पाकिस्तान से ‘फंडिंग’ जारी रहने और आंदोलन में किराए से लोग जुटाने का गंभीर आरोप लगाया। उनके इस बयान पर विपक्षी दलों के साथ सत्तादल ने भी नाराजगी जताई। राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक भाऊसाहेब भोईर और मंगला कदम ने कड़ाके की ठंड में 11 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों और मजदूरों का इस तरह से मजाक उड़ाने को शर्मनाक बताया। वहीं भाजपा की वरिष्ठ नगरसेविका सीमा सावले ने भी कड़ी नाराजगी जताते हुए घोलवे के बयान को सभा के कामकाज से हटाने की मांग की।

महापौर ऊषा ढोरे की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस सर्वसाधारण सभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना के नगरसेवक केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभागृह में दाखिल हुए। विपक्षी दल के नेता राजू मिसाल और पूर्व विपक्षी नेता नाना काटे तो निषेध के तौर पर काले वस्त्रों में सभागृह में पहुंचे। विपक्षी नेता मिसाल, पूर्व महापौर मंगला कदम, शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे सहित विपक्ष के नगरसेवकों ने सभागृह में सभी किसान और मजदूरों की संतानें हैं, उनके नाते किसानों व मजदूरों के आंदोलन के समर्थन में सभा स्थगित रखने की पुरजोर मांग की।

सत्तादल ने हंगामे के बीच सभा का कामकाज किया पूरा 

सत्तादल की ओर से पूर्व महापौर राहुल जाधव, सभागृह नेता नामदेव ढाके सहित अन्य नगरसेवकों ने सभा स्थगित रखने का विरोध किया। इस पर मंगला कदम ने मतदान की मांग कर सत्तादल को आड़े हाथ लेने की कोशिश की। हालांकि महापौर ने उनकी मांग को अस्वीकार कर सभागृह का कामकाज शुरू करने का आदेश दिया। इस पर विपक्ष के नगरसेवकों ने विषयपत्र फाड़कर सत्तादल की निंदा की और इसी हंगामे के बीच सभा का कामकाज पूरा किया गया।