PCDA(O) कार्यालय में “आर्मी वॉर ट्रॉफी T-55 टैंक” की स्थापना

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पुणे. रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (अफसर) कार्यालय परिसर में “आर्मी वॉर ट्रॉफी टी- 55 टैंक” की स्थापना की गई है. इस स्थापित “आर्मी वॉर ट्रॉफी टी- 55 टैंक” का रक्षा लेखा महानियंत्रक संजीव मित्तल भा.र.ले.से., के हाथों दिल्ली से सुबह 11 बजे, रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (अफसर) डॉ. निरुपमा काजला, भा.र.ले.से., रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (दक्षिणी कमान) मयंक शर्मा, भा.र.ले.से., एन ए डी एफ एम के निदेशक मिहीर कुमार, भा.र.ले.से., तथा रक्षा लेखा विभाग के अन्य आई डी ए एस अधिकारियों की उपस्थिति में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विधिवत उद्घाटन किया गया.  

ध्वजवाहक संगठन

पीसीडीए (ओ) पुणे कार्यालय रक्षा (वित्त) मंत्रालय के रक्षा लेखा विभाग का एक ध्वजवाहक संगठन है. यह संगठन लेफ्टिनेंट से लेकर थलसेना अध्यक्ष और डिफेंस स्टाफ चीफ सहित देश भर में तैनात 53 हजार से अधिक सेना के अधिकारियों के वेतन, भत्तों और निजी दावों का समय से भुगतान और इसकी पूर्व लेखापरीक्षा कार्य सुनिश्चित करता है.  

थल सेना और लेखा विभाग के बीच बेहतर तालमेल

इस अवसर पर महानियंत्रक संजीव मित्तल ने अपने संदेश में कहा कि पीसीडीए(ओ) कार्यालय परिसर में “आर्मी वॉर ट्रॉफी टी- 55 टैंक”  की स्थापना भारतीय थलसेना और रक्षा लेखा विभाग के बीच के बेहतर ताल-मेल को दर्शाता है. उन्होंने इस संगठन के अपनी ज़िम्मेदारी के निर्वहन में पेशेवर रवैया अपनाने की प्रशंसा की तथा कहा कि पीसीडीए(ओ) के  तीन आईडीएएस अधिकारियों व रक्षा लेखा विभाग के अन्य अधिकारियों को थलसेना अध्यक्ष द्वारा कमेंडेशन मिलना इस बात का सबूत है.

गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध

इस अवसर पर रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक(अफसर) डॉ. निरुपमा काजला ने सेना के प्राधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि पीसीडीए(ओ) कार्यालय थलसेना के अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है. उन्होंने कहा  कि सेना के शौर्य के प्रतीक इस टी -55 टैंक के कार्यालय परिसर में स्थापित होना यहां के कार्मिकों के लिए गौरव की बात है. इससे हमें अपनी जिम्मेदारियों को दक्षता पूर्वक निर्वहन करने के लिए निरंतर प्रेरणा मिलती रहेगी. उन्होंने पीसीडीए(ओ) के अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रशंसा कराते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण हुए देशव्यापी बंदी (लॉकडाउन) के दौरान भी उन्होंने थलसेना के अधिकारियों के मासिक वेतन और भत्तों और सेवानिवृत्त होनेवाले अधिकारियों का सेवानिवृत्ति संबंधी लाभ का भुगतान समय पर किया.