Modi government aims to reduce road accidents by 50 percent by 2024
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पुणे. भारत ‘विस्तारवादी’ देश नहीं है और यह विश्व के कल्याण में विश्वास करता है. आत्मनिर्भर बनने के लिए ज्ञान, उद्यमिता, विज्ञान, तकनीक, अनुसंधान और सफल पद्धतियों की जरूरत है. देश को विकास की राह पर ले जाने के लिए हमें वैज्ञानिक उन्नति पर जोर देने की जरूरत है. ऐसा प्रतिपादन देश के केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया. 

उन्होंने कहा कि देश को विश्वशक्ति बनाने के लिए ज्ञान के आधार पर हमें पहले स्थान पर आने की जरूरत है, लेकिन ऐसा करते हुए, हम विस्तारवादी नहीं हैं. कुछ ऐसे देश हैं जो विस्तारवाद की इच्छा से आगे बढ़ते हैं, लेकिन हम विश्व के कल्याण में विश्वास रखते हैं. हमारा विश्वास ‘वसुधैव कुटुम्बकम् (पूरा विश्व एक परिवार है) में है.

आखिरी व्यक्ति तक पहुंचे शिक्षा

महाराष्ट्र एजुकेशन सोसाइटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया. गडकरी ने कहा कि भारत की प्रेरणा स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो में दिया गया भाषण है. सभी लोगों के लिए शिक्षा उपलब्ध कराने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह आखिरी व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए. मगर ठीक इसी समय हमें यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि सभी को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले.

मूल्य आधारित शिक्षा पर भी जोर

गडकरी ने कहा कि शक्ति के रूप में सिर्फ ज्ञान का ही लक्ष्य नहीं होना चाहिए बल्कि आदर्श नागरिक तैयार करने के लिए मूल्य आधारित शिक्षा पर भी जोर दिया जाना चाहिए. केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ने इस कार्यक्रम में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए आयात कम करने और निर्यात बढ़ाने की जरूरत बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने विभाग में, उन चीजों की जानकारियां एकत्र कर रहा हूं, जिसका आयात होता है. वे सभी लोगों से अपील करते हैं कि उन्हें  आयात के विकल्प के तौर पर चीजों का उत्पादन करने की जरूरत है. गडकरी ने शिक्षा में आत्मनिर्भर बनने के बारे में कहा कि देश में विश्वविद्यालयों का उन्नयन किया जाना चाहिए ताकि शिक्षा के लिए लोगों को विदेश जाने की जरूरत न पड़े.