Pune Municipal Corporation

  • विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को होगी समिति

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पुणे. महापालिका को विकास करने में साथ ही विभिन्न योजनाए मुहैय्या करने में कोई परेशानी ना आए, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा महापालिका को अनुदान दिया जाता है, लेकिन इस पर सरकार का नियंत्रण नहीं है. इस वजह से अब महापालिका के वित्तीय कारोबार पर नियंत्रण रखने का मन राज्य सरकार ने बनाया है. 

उसके लिए विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों की एक संयुक्त समिति बनाई जाएगी.  इसके लिए महापालिका की ओर से सरकार ने एक रिपोर्ट मांगी है. अब महापालिका इस पर क्या राय देती है. यह देखना उचित होगा. 

विधानसभा में उठी थी आवाज 

राज्य सरकार की ओर से महापालिका को विभिन्न योजनाए मुहैया करने के लिए अनुदान के रूप में निधि अदा किया जाता है. इसमें जीएसटी अनुदान, स्टाम्प ड्यूटी की राशि का समावेश होता है. साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा मुहैया की जानेवाली योजनाओं को भी अनुदान दिया जाता है. इसमें स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, संपत्ति विभाग, जलापूर्ति विभाग साथ ही बड़े प्रोजेक्ट के लिए भी सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है, लेकिन इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं. ऐसा विधायकों का कहना है. इस वजह से विधानसभा में हाल ही में अकोला के विधायक गोवर्धन शर्मा और शेष विधायकों द्वारा इससे सम्बंधित प्रस्ताव दिया गया था. इसमें कहा गया है कि महापालिका को राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है. इस वजह से उनके वित्तीय कारोबार पर नियंत्रण रखने के लिए विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों की संयुक्त समिति बनाई जाए. विधानसभा ने भी इस प्रस्ताव को स्वीकृत कर लिया है. 

महापालिका से मांगी रिपोर्ट 

सदस्यों के इस प्रस्ताव के बाद सरकार ने इसको लेकर अब महापालिका से अपनी राय और रिपोर्ट मांगी है. सरकार ने महापालिका को निर्देश दिए है कि इससे सम्बंधित जानकारी की रिपोर्ट जिसमे खबरों का भी समावेश है, उसे तत्काल भेज दिया जाए, लेकिन इस प्रस्ताव से महापालिका की सिरदर्द बढ़ गई है. क्योंकि महापालिका का कहना है कि पहले से सरकार द्वारा लोकल ऑडिट शुरू कर दिया है. इसमें हम सभी जानकारी देते है. साथ ही जिला नियोजन समिति से मिलनेवाले निधि का भी स्वतंत्र ऑडिट किया जाता है. सरकार द्वारा समय पर अनुदान नहीं दिया जाता. पिछले 30 साल से सरकार के पास अनुदान की राशि बकाई है. जीएसटी कोई अनुदान नहीं है. स्टाम्प ड्यूटी तो हमारा ही हिस्सा है. सरकार पहले इसका विचार करें और बाद में कोई प्रस्ताव पारित करें. 

सरकार द्वारा लोकल ऑडिट शुरू कर दिया है. इसमें हम सभी जानकारी देते है. साथ ही जिला नियोजन समिति से मिलनेवाले निधि का भी स्वतंत्र ऑडिट किया जाता है. सरकार द्वारा समय पर अनुदान नहीं दिया जाता. इसको लेकर पहले सरकार मनपा के बारे में सोचे.

- उल्का कलसकर, मुख्य लेखापाल, महापालिका